सांसद संजय सेठ (Sanjay Seth) ने शुक्रवार को लोकसभा में पहाड़ी मंदिर (pahadi mandir ranchi) से जुड़ा मामला उठाया और उसके संरक्षण और संवर्धन की मांग भारत सरकार से की। शून्यकाल के दौरान सांसद श्री सेठ (Sanjay Seth) ने सदन में कहा कि भारत में ऐसे बहुत कम स्थान हैं, जिनका धार्मिक, ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व साथ-साथ है। ऐसे ही स्थानों में है रांची का पहाड़ी मंदिर। हिमालय से भी पुरानी इस पहाड़ी पर साक्षात भगवान शिव का वास है। यहां आदिवासी समुदाय से जुड़े बंधु भी पूजा करते हैं, इनके पाहन यहां पूजा करवाते हैं और सबसे बड़ा ऐतिहासिक महत्व यह है कि कई स्वतंत्रता सेनानियों को फांसी की सजा दी गई है, इसलिए इसे फांसी टुंगरी के नाम से भी जानते हैं।
“धार्मिक, सांस्कृतिक और ऐतिहासिक महत्व है”
सांसद(Sanjay Seth) ने कहा कि वर्तमान समय में इस पहाड़ी की स्थिति बहुत जर्जर हो चुकी है। हमारे पर्यावरणविद नीतिश प्रियदर्शी जी ने कई बार रिपोर्ट किया है। उन्होंने बताया है कि यह पहाड़ी हिमालय से भी पुरानी है और भुरभुरी मिट्टी की है। हमेशा यह आशंका बनी रहती है कि यह कभी भी धंस सकती है। इतना बड़े धार्मिक, सांस्कृतिक और ऐतिहासिक महत्व वाले स्थान को अब संरक्षण और संवर्धन की जरूरत है। ताकि इसकी ऐतिहासिकता, सांस्कृतिक छवि और आस्था सब कुछ बरकरार रह सके।
“पहाड़ी के चारों तरफ मजबूत घेराबंदी हो”
उन्होंने (Sanjay Seth) सरकार से निवेदन किया कि पहाड़ी के चारों तरफ मजबूत घेराबंदी हो। इसे लोहे की जाल से या बाड़ा लगाकर मजबूती से बांधा जाए ताकि इसके धंसने का खतरा कम हो सके और पहाड़ी सुरक्षित हो सके।
“राष्ट्रीय महत्व का स्मारक घोषित हो”
श्री सेठ (Sanjay Seth) ने इसे राष्ट्रीय महत्व का स्मारक घोषित कर इसके संरक्षण और संवर्धन के लिए कार्य किए जाने की मांग की।
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