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Ranchi: सांसद Sanjay Seth का प्रयास लाया रंग, झिरीवासियों को कचरे के पहाड़ से मिलेगी मुक्ति

गेल इंडिया प्रतिदिन 300 टन कचरे का करेगा निष्पादन

20 करोड़ की लागत वाले प्लांट से कचरे से बनाई जाएगी बायोगैस

रांची। झिरीवासियों को कचरे के पहाड़ से बहुत जल्द मुक्ति मिलेगी और यहां के कचरे से बायोगैस बनाने का काम किया जाएगा। इसके लिए केंद्रीय प्राकृतिक गैस मंत्रालय ने दो प्लांट लगाने की स्वीकृति प्रदान की है। पहले फेज में एक प्लांट का काम किया जाएगा और यह कार्य आरंभ भी हो चुका है। रांची के सांसद संजय सेठ (Sanjay Seth) की पहल पर केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने इस योजना को स्वीकृति प्रदान की थी। लगभग 1 वर्ष पूर्व सांसद संजय सेठ (Sanjay Seth) ने केंद्रीय मंत्री से मिलकर रांची के कचरे के पहाड़ को समाप्त करने, इसके बहुउद्देशीय उपयोग से संबंधित कई बिंदुओं से अवगत कराया था। इसके बाद केंद्रीय मंत्री ने इस पर रुचि भी दिखाई और सकारात्मक पहल की। पहले चरण में यहां डेढ़ टन कचरा प्रबंधन का एक प्लांट लगाया जाना था। सांसद संजय सेठ ने दोबारा मंत्री से बात कर इसे न्यूनतम 300 टन का प्लांट बनाने का आग्रह किया। सांसद के आग्रह पर केंद्रीय मंत्री ने डेढ़ सौ टन के दो प्लांट को लगाने की स्वीकृति प्रदान की है। इन दोनों प्लांटों की लागत लगभग ₹20 करोड़ रुपए होगी।

प्रथम चरण का काम शुरू हो चुका है-Sanjay Seth

गौरतलब है कि रांची में अभी प्रतिदिन लगभग 500 टन कचरा निकलता है। यह कचरा झिरी के ग्रामीणों के जीवन के लिए बड़ा खतरा उत्पन्न कर रहा है। इस कचरे के पहाड़ को समाप्त किया जाए, इसे फिर से  उपयोग के लायक बनाया जाए, इस दिशा में सांसद संजय सेठ लगातार प्रयासरत रहे थे। नई दिल्ली में केंद्रीय मंत्री से मुलाकात कर सांसद ने इसके वर्तमान स्थिति की जानकारी दी। मुलाकात के बाद सांसद श्री सेठ (Sanjay Seth) ने बताया कि प्रथम चरण का काम शुरू हो चुका है, जो जून-जुलाई तक पूर्ण हो जाएगा। उसके बाद दूसरे चरण का काम शुरू होगा। इस तरह से यहां डेढ़ सौ टन के दो प्लांट काम करने लगेंगे। जिससे प्रतिदिन 300 टन कचरा का निष्पादन किया जा सकेगा।

बायोगैस निर्माण के साथ ही उसके वितरण की भी होगी व्यवस्था

श्री सेठ ने बताया कि इन कचरों से बायोगैस का निर्माण किया जाएगा और इसके दूसरे अन्य उद्देश्यों से भी इसका उपयोग किया जाएगा। इस दिशा में भी काम चल रहा है। यह सुखद बात है कि बायोगैस का निर्माण कर, उसके वितरण की व्यवस्था भी गेल के द्वारा ही की जाएगी। श्री सेठ ने बताया कि कचरे का पहाड़ क्षेत्र के लोगों की जिंदगी के लिए एक बड़ी समस्या बनकर उभरा है, ऐसे में गेल इंडिया और भारत सरकार ने उनकी  पहल पर जो सक्रियता दिखाई है, उसके लिए उन्होंने भारत सरकार के प्रति आभार प्रकट किया है। सांसद श्री सेठ (Sanjay Seth) ने बताया कि प्राकृतिक गैस मंत्रालय के स्वच्छता मिशन के तहत यह कार्य किया जा रहा है। इस कचरे से गैस का निर्माण होगा। उस गैस के वितरण की व्यवस्था होगी। सांसद श्री सेठ (Sanjay Seth) ने कहा कि कचरे के उस पहाड़ को और भी किस तरह से समाप्त किया जाए, इस दिशा में कई अन्य विशेषज्ञों से भी बात की है। अन्य कई दिशा में भी इनके प्रयास चल रहे हैं। बहुत जल्द और भी सार्थक परिणाम देखने को मिलेंगे।

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