मानसून सत्र में विपक्ष का हंगामा लगातार तीसरे दिन जारी रहा। मानसून सत्र के दो दिन पेट्रोल-डीजल की कीमतों और पैगासस स्पाईवेयर से जासूसी मुद्दे पर सरकार को घेरने में गुजर गये। तीसरे दिन जैसे ही सरकार ने कहा कि कोरोना वायरस के संकट के दौरान ऑक्सीजन से देश में एक भी मौत नहीं हुई, विपक्ष का गुस्सा फूट पड़ा। फिर सरकार ने विपक्ष पर प्रश्नों की झड़ी लगा दी।
विपक्ष का सवाल, फिर किस कारण हुई मौत
प्रियंका गांधी ने ट्वीट करके कहा कि कोरोना की दूसरी लहर में ऑक्सीजन की कमी से इसलिए मौतें हुईं क्योंकि सरकार ने ऑक्सीजन निर्यात 700 फीसदी तक बढ़ा दिया था। उन्होंने कहा कि सरकार ने ऑक्सीजन ट्रांसपोर्ट के लिए टैंकरों की व्यवस्था नहीं की। साथ ही अस्पतालों में ऑक्सीजन प्लांट लगाने में निष्क्रियता दिखाई।
इसके बाद शिवसेना के नेता सांसद संजय ने सरकार से सवाल किया- केंद्र की इस बात को सुनकर उन पर क्या गुजरी होगी जिन्होंने अपनों को खोया है। सरकार के खिलाफ मुकदमा दर्ज होना चाहिए। सरकार झूठ बोल रही है।
आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने कहा- संकट के समय सरकार ने देश को अनाथ छोड़ दिया था। सरकार को पता ही नहीं था कि क्या हो रहा है।
दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने कहा- सरकार का जवाब बिलकुल असत्य है। दिल्ली समेत देश भर में ऑक्सीजन की कमी के कारण कई लोगों की मौत हुई।
राज्यों ने कोरोना से मौतों की नहीं दी सही जानकारी – केन्द्र
बीते दिन सरकार ने राज्यसभा में बताया था कि दूसरी लहर के दौरान ऑक्सीजन की कमी से किसी की मौत की जानकारी राज्यों ने नहीं दी है। अब इस बात पर विपक्ष आग बबूला हो गया था। इस मुद्दे को लेकर सभी पार्टियों ने निंदा करते हुए सरकार पर हमला करना शुरू कर दिया। आम आदमी पार्टी विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव पेश करने की तैयारी में है।
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