न्यूज डेस्क/ समाचार प्लस – झारखंड-बिहार
अब तक 400 से ज्यादा बार क्रैश और 200 देश के होनहार पायलटों का ताबूत बने MiG 21 ने शुक्रवार को दो और जाबांज पायलटों की जान ले ली। इसके बाद बरसों से गूंजता सवाल एक बार फिर गूंजा कि इनसानी ताबूत बन चुके इस जहाजी बेड़े को आखिर कब रिटायर किया जायेगा। शुक्रवार का दिन मिग 21 उड़ाने वाले देश के दो होनहार पायलटों का आखिर दिन साबित हो गया। राजस्थान के बाड़मेर में मिग-21 लड़ाकू विमान क्रैश हो गया जिसमें दोनों पायलटों की मौत हो गई।
इस बीच खबर आ रही है कि इस हादसे के बाद भारतीय वायुसेना ने तय किया कि MiG 21 की श्रीनगर में तैनात स्क्वाड्रन को सितंबर में रिटायर किया जाएगा। इसके अलावा MiG 21 की बाकी की तीन स्क्वाड्रन 2025 तक रिटायर हो जाएंगी। भारतीय वायुसेना ने यह निर्णय बहुत देर से लिया। जबकि मिग-21 को रिटायर किया जाने की मांग काफी पहले से चल रही है। लेकिन नए लड़ाकू विमानों को वायुसेना में शामिल करने में देरी के कारण भारतीय वायुसेना अभी भी चार मिग -21 स्क्वाड्रन पर निर्भर है। बता दें, प्रत्येक स्क्वाड्रन में 1618 जेट हैं। बता दें, राजस्थान के उत्तरलाई एयरबेस से ट्रेनिंग उड़ान के दौरान दो सीटों वाला एक मिग-21 ट्रेनर विमान गुरुवार शाम दुर्घटनाग्रस्त हो गया था, जिसमें दोनों पायलटों की मौत हो गई।
1963 में वायुसेना में शामिल किये गये थे Mig 21
MiG 21 रूस द्वारा निर्मित विमान है। मिग 21 को भारतीय वायुसेना में 1963 में शामिल किया गया था। मौजूदा समय में वायुसेना इसका अपग्रेडेड वर्जन मिग-21 बाइसन का इस्तेमाल करती है। 1960 के दशक के ये विमान विंटेज की श्रेणी में आ चुके हैं।
यह भी पढ़ें: Jharkhand: पर्यावरण को नुकसान पहुंचा कर विकास की लकीर नहीं खींच सकते – सीएम हेमंत