BSP Mayawati: बसपा के साथ गठबंधन की उम्मीदें पाले इंडी गठबंधन को जोरदार का झटका लगा है। बसपा प्रमुख मायावती ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर साफ-साफ कह दिया कि वह किसी भी पार्टी या गठबंधन के साथ मिलकर चुनाव नहीं लड़ेंगी। वह लोकसभा चुनाव में अकेले के दम पर चुनाव लड़ेंगी। मायावती ने कहा कि बसपा पूरे दम-खम के साथ चुनाव मैदान में उतरने वाली है। उन्होंने साफ-साफ शब्दों में कहा कि गठबंधन के साथ चुनाव लड़ने पर उनकी पार्टी को कोई फायदा नहीं होता, उल्टे उसे नुकसान झेलना पड़ता है। बसपा इस समय अपनी पहचान के लिए संघर्ष कर रही है, इसलिए पार्टी का उद्देश्य यही होगा कि उसे कैसे राज्य ही नहीं देश में स्थापित किया जाये।
मायावती ने कहा कि अधिकांश पार्टियां बसपा के साथ गठबंधन करना चाहती है। लेकिन वह किसी भी पार्टी से गठबंधन नहीं करेंगी। जब भी वह किसी पार्टी के साथ गठबंधन करती हैं तो उनकी पार्टी को धांधली का शिकार होना पड़ता है। उनके साथ की गयी की गयी धांधली का असर पार्टी पर पड़ा है। इसलिए गठबंधन करने के बजाय अकेले चुनाव लड़ना है और पार्टी को मजबूत करना है। उन्होंने सपा प्रमुख अखिलेश यादव की चर्चा करते हुए उन्हें गिरगिट की तरह रंग बदलने वाला व्यक्ति बताया। उन्होंने कहा कि उनसे सावधान रहने की जरूरत है।
मायावती ने गठबंधन को लेकर बड़ी सटीक बात कही है। उन्होंने कहा कि गठबंधन करने से वोट ट्रांसफर नहीं होते। गठबंधन से अगर फायदा होता भी है तो उसका नुकसान भी उठाना पड़ता है। मायावती ने ईवीएम को लेकर देश में चल रहे विवाद पर विशेष टिप्पणी नहीं की, लेकिन उन्होंने देश में निष्पक्ष चुनाव की वकालत जरूर की।
मायावती ने अपनी संन्यास की अटकलों पर भी विराम लगाया। उन्होंने कहा कि उनका राजनीतिक संन्यास लेने का कोई इरादा नहीं है। लोग सिर्फ उनके राजनीति से संन्यास लिये जाने की अटकलें लगा रहे हैं। मायावती देश ही नहीं कई राज्यों में फ्री का राशन दिये जाने को गलत योजना बताया। उन्होंने कहा कि देश की सबसे बड़ी समस्या बेरोजगारी और रोजगार उसके बदले फ्री का राशन देने से समस्या का समाधान नहीं हो जाता। उनकी पार्टी जब सत्ता में आयेगी तो वह फ्री का समर्थन नहीं करेगी।
न्यूज डेस्क/ समाचार प्लस – झारखंड-बिहार
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