राष्ट्रपति चुनाव के लिए विपक्ष साझा उम्मीदवार उतारने की तैयारी कर रहा है। एनसीपी के संरक्षक शरद पवार ने जब ना कर दिया तो इस मुहिम में बढ़चढ़ कर हिस्सा ले रहीं पश्चिम बंगाल की सीएम की तरफ से पहले शरद से दो नाम सुझाए गए थे। पहला नाम फारुक अब्दुल्ला और दूसरा गोपाल कृष्ण गांधी का था। हालांकि इन दोनों लोगों ने भी अलग अलग वजहों से अपने नाम वापस ले लिए। अब उनकी तरफ से यशवंत सिन्हा का नाम सुझाने की तैयारी है।
यशवंत सिन्हा के नाम पर विचार
कहा जा रहा है कि गोपालकृष्ण और नेशनल कांफ्रेंस संरक्षक फारूक अब्दुल्ला के बाहर होने के बाद टीएमसी अब अपने उपाध्यक्ष यशवंत सिन्हा (Yashwant Sinha) के नाम पर संभावित उम्मीदवार के रूप में विचार कर रही है। टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी (Mamta Banerjee) कल की बैठक में शामिल नहीं होंगी और उन्होंने भतीजे अभिषेक को उपस्थित रहने के लिए नामित किया है। हालांकि सिन्हा ने एक न्यूज पेपर से बात करते हुए बताया कि इस मुद्दे पर अब तक किसी ने मुझसे संपर्क नहीं किया है। यह पूछे जाने पर कि क्या प्रस्ताव आने पर वो विचार करेंगे तो इस सवाल के जवाब में एनडीए के पूर्व मंत्री जिन्होंने 2018 में भाजपा छोड़ दी, ने कहा कि कराजनीति में एक महत्वपूर्ण सबक यही है कि कभी भी एक काल्पनिक प्रश्न का उत्तर नहीं देना है।
I am grateful to Mamataji for the honour and prestige she bestowed on me in the TMC. Now a time has come when for a larger national cause I must step aside from the party to work for greater opposition unity. I am sure she approves of the step.
— Yashwant Sinha (@YashwantSinha) June 21, 2022
गोपाल कृष्ण गांधी ने भी ठुकराया
गोपालकृष्ण ने सोमवार को अपना नाम वापस लेते हुए कहा कि राष्ट्रपति के सर्वोच्च पद के लिए आगामी चुनावों में विपक्ष की उम्मीदवारी के लिए विपक्ष के कई सम्मानित नेताओं ने मेरे बारे में सोचने का सम्मान किया है। मैं उनका अत्यंत आभारी हूँ। लेकिन इस मामले पर गहराई से विचार करने के बाद, मैं देखता हूं कि विपक्ष का उम्मीदवार ऐसा होना चाहिए जो विपक्षी एकता के अलावा राष्ट्रीय आम सहमति और राष्ट्रीय माहौल पैदा करे। मुझे लगता है कि और भी लोग होंगे जो मुझसे कहीं बेहतर ऐसा करेंगे।
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