न्यूज डेस्क/ समाचार प्लस – झारखंड-बिहार
महाराष्ट्र में बेमेल बना ‘महाविकास अघाड़ी’ अब अंतिम सांसें गिन रहा है। महाराष्ट्र के सियासी संकट में ड्रामेबाजी अब एकनाथ शिंदे नहीं, बल्कि मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे कर रहे हैं। जो अब तक यह समझाना नहीं चाह रहे हैं कि राजनीतिक बाजी पलट चुकी है और 2019 में अपने घमंड में आकर बेमेल सरकार महाराष्ट्र के माथे पर मंढ़ने का जो जुर्म कर चुके हैं, उसका दंड भुगतने का अब समय आ गया है। वह यह भी नहीं समझना चाह रहे हैं कि उनके जुर्म की सजा बाला साहेब ठाकरे के बलिदान को मटियामेट भी कर देगी।
शिवसेना से लगातार विधायकों का पलायन जारी तो है ही, अब शिवसेना के 17 सांसदों ने भी विद्रोह कर दिया है। जाहिर है ये सभी विधायक और सांसद शिवसेना, क्षमा करें, उद्धव ठाकरे की मौकापरस्ती के कारण हाशिए पर डाल दिये गये हिन्दुत्व मुद्दे से कितने खिन्न हैं।
शिवसेना के बागी विधायक एकनाथ के रुख के बाद सीएम उद्धव ठाकरे ने फेसबुक लाइव आकर अपने मन की बात में हिन्दुत्व मुद्दे पर अडिग रहने की जो बात कही, लेकिन उसमें कितनी सच्चाई है, इसकी पालघर में साधुओं की हत्या, अयोध्या मामले, काशी विश्वनाथ मामले समेत अन्य मौकों पर दिये गये ‘कांग्रेसी’ टाइप बयानों से अच्छी तरह समझा जा सकता है।
विधायकों के बाद अब सांसद भी हुए बागी
महाराष्ट्र में विधायकों के साथ-साथ अब सांसद भी एकनाथ शिंदे के समर्थन में आते दिखाई दे रहे है। खबरें आ रही हैं कि 17 सांसद एकनाथ शिंदे के सम्पर्क में हैं। ठाणे के सांसद राजन विचारे और कल्याण के सांसद श्रिकांत शिंदे गुवाहाटी में ही मौजूद हैं। इसके अलावा वसीम सांसद भावना गवली, पालघर सांसद राजेंद्र गवित, रामटेक सांसद कृपाल भी अपना समर्थन देने को तैयार हैं। लगता नहीं सीएम ठाकरे की मन की बात के बावजूद शिवसेना के विधायक बागी होते जा रहे हैं और उनके पाला बदलने का सिलसिला जारी ही है। क्या क्या उद्धव ठाकरे आखिरी शिवसेना विधायक के चले जाने का इंतजार करेंगे।
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