न्यूज डेस्क/ समाचार प्लस – झारखंड-बिहार
जमीन के बदले नौकरी घोटाले में लालू प्रसाद की मुसीबतें अभी खत्म नहीं हुई हैं। इस मामले में अब सीबीआई को लालू के परिवार के सभी सदस्यों की सम्पत्ति का ब्योरा चाहिए। सूत्रों के अनुसार, राजद सुप्रीमो लालू यादव यादव ही नहीं उनके पत्नी, बेटे, बेटियां और दामाद भी सीबीआई की जांच की जद में आ गए हैं। सीबीआई ने लालू परिवार के सभी सदस्यों की 2004 से 2009 तक की संपत्ति का ब्योरा मांगा है।
सीबीआई को चाहिए इनकी सम्पत्ति का ब्यौरा
- लालू यादव (राजद सुप्रीमो)
- राबड़ी देवी (पत्नी)
- तेजस्वी (बेटा)
- तेजप्रताप यादव (बेटा)
- मीसा भारती (बेटी)
- शैलेश कुमार (दामाद, मीसा के पति)
- रोहिणी आचार्य (बेटी)
- समरेश सिंह (दामाद, रोहिणी आचार्य के पति
- चंदा यादव (बेटी)
- विक्रम सिंह (दामाद, चंदा यादव के पति)
- रागिनी यादव (बेटी)
- राहुल यादव (दामाद, रागिनी के पति)
- हेमा यादव (बेटी)
- विनीत यादव (दामाद, हेमा यादव के पति)
- राजलक्ष्मी यादव (बेटी)
- तेजप्रताप सिंह यादव (दामाद, राजलक्ष्मी यादव के पति)
- अनुष्का यादव (बेटी)
- चिरंजीव राव (दामाद, अनुष्का यादव के पति)
क्या है जमीन के बदले नौकरी का मामला?
लालू यादव पर आरोप है कि यूपीए-1 सरकार में रेल मंत्री रहते हुए उन्होंने पटना के 12 लोगों को ग्रुप डी में चुपके से नौकरी दी और उनसे अपने परिवार के लोगों के नाम पटना में जमीनें लिखवा ली। सीबीआई का दावा है कि लालू यादव की पत्नी राबड़ी देवी, बेटी मीसा भारती और हेमा यादव के नाम प्लॉट्स की रजिस्ट्री कराई गई और जमीन की मामूली कीमत नकद में चुकाई गई। पूरा मामला 2004 से 2009 के बीच का है। सीबीआई को जांच में ऐसे सात उदाहरण मिले जहां उम्मीदवारों को कथित तौर पर नौकरी दी गई जब उनके परिवार के सदस्यों ने लालू प्रसाद यादव के परिवार को जमीन हस्तांतरित की। सीबीआई ने इस मामले में 2021 में प्रारंभिक जांच शुरू की थी।
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