वक्फ संशोधन विधेयक लोकसभा में लम्बी और मैराथन बहस के बाद बुधवार और गुरुवार की दरम्यानी रात 1.56 बजे पारित हो गया। विधेयक के पक्ष में 288 और विरोध में 232 वोट पड़े। इस दौरान लोकसभा में खूब हंगामा भी हुआ। विधेयक पर लोकसभा में करीब 12 घंटे चर्चा हुई। लोकसभा में अल्पसंख्यक मामलों की मंत्री किरेन रिजिजू ने बुधवार दोपहर वक्फ संशोधन विधेयक पेश किया जिस पर 12 घंटे से अधिक समय तक बहस चली। इसके बाद मतविभाजन में विधेयक लोकसभा से पास हो गया। विधेयक पास होने से पहले लोकसभा में और कुछ भी हुआ वह भी जानना आपके लिए जरूरी है। तो आइये देखते हैं सदन में बिल को लेकर और क्या-क्या हुआ?
- इमरान मसूद, प्रेमचंद्रन का एक और संशोधन अस्वीकार। खंड 35 विधेयक का अंग बना।
- खंड 37 से 40 को विधेयक का अंग बनाने के लिए ध्वनिमत से मतदान कराया गया। स्वीकार किया गया।
- ईटी मोहम्मद बशीर का एक और संशोधन अस्वीकार।
- 40ए और 41 भी विधेयक का अंग बना।
- एनके प्रेमचंद्रन की तरफ से पेश संशोधन संख्या 129 को भी अस्वीकार किया गया।
- खंड 42-44 भी विधेयक का अंग बना।
- रिजिजू ने विधेयक पारित होने का प्रस्ताव रखा।
- ध्वनिमत से मतदान के बाद डिविजन हो रहा है
- ध्वनिमत से स्वीकार होने के बाद खंड 25 से 27 विधेयक का अंग बना।
- इमरान मसूद ने एक और संशोधन पेश किया। इसे भी अस्वीकृत कर दिया गया।
- खंड 28 विधेयक का अंग बना।
- असदुद्दीन ओवैसी ने एक और संशोधन पेश किया। इसे भी अस्वीकार कर दिया गया।
- एनके प्रेमचंद्रन ने मुतवल्ली को हटाने के संबंध में किए गए प्रावधान से जुड़े संशोधन पेश किए। हालांकि, इसे भी निरस्त कर दिया गया।
- अरविंद सावंत का एक और संशोधन प्रस्ताव अस्वीकृत
- गौरव गोगोई का एक और संशोधन प्रस्ताव निरस्त हुआ
- इमरान मसूद ने एक और संशोधन का प्रस्ताव रखा। इसे भी ध्वनिमत से खारिज कर दिया गया।
- केसी वेणुगोपाल ने एक और संशोधन का प्रस्ताव रखा। इसे भी अस्वीकृत कर दिया गया।
- मोहम्मद जावेद का एक और संशोधन प्रस्ताव अस्वीकृत
- इमरान मसूद ने एक और संशोधन पेश किया। ध्वनिमत से अस्वीकार किया गया।
- एनके प्रेमचंद्रन की तरफ से पेश एक और संशोधन अस्वीकृत
- एनके प्रेमचंद्रन ने एक और संशोधन वापस लिया।
- इसी के साथ खंड 24 विधेयक का अंग बन गया।
- राजेश रंजन का एक और संशोधन प्रस्ताव अस्वीकृत
- अरविंद सावंत का एक और संशोधन प्रस्ताव अस्वीकृत
- केसी वेणुगोपाल की तरफ से प्रस्तुत संशोधन प्रस्ताव को भी ध्वनिमत से अस्वीकृत किया गया।
- मोहम्मद जावेद की तरफ से पेश एक और संशोधन प्रस्ताव अस्वीकृत
- खंड- 19 और 20 विधेयक का अंग बन गया।
विधेयक में बड़े प्रावधान
- वक्फ बोर्ड में गैर-मुस्लिमों और महिलाओं को शामिल किया जाएगा।
- सरकार वक्फ संपत्तियों के सर्वे के लिए कलेक्टर को नियुक्त करेगी। पहले ये काम सर्वे कमिश्नर किया करते थे।
- बिना कागजात के किसी संपत्ति पर वक्फ दावा नहीं कर सकेगा।
- वक्फ किसी संपत्ति को अपनी संपत्ति घोषित नहीं कर सकेगा।
- वक्फ ट्रिब्यूनल को फैसले को कोर्ट में चुनौती दी जा सकेगी।
- कम से कम 5 साल से इस्लाम का पालन कर रहे मुसलमान ही संपत्ति दान कर सकेंगे।
विधेयक पर चर्चा के दौरान किसने क्या कहा?
- लोकसभा में चर्चा की शुरुआत अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री रिजिजू ने की। उन्होंने कहा, “दिल्ली की कई संपत्तियों पर वक्फ ने दावा किया। 123 संपत्ति UPA सरकार ने वक्फ को दे दी। ये विधेयक नहीं लाते तो संसद की इमारत पर भी वक्फ दावा कर देता।”
- वहीं, कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने कहा, “ये संवैधानिक ढांचे पर आक्रमण है। सरकार के 4 मकसद हैं- संविधान को कमजोर करना, भ्रम फैलाना, अल्पसंख्यकों को बदनाम करना और समाज को बांटना।”
न्यूज डेस्क/ समाचार प्लस – झारखंड-बिहार
यह भी पढ़ें: US Tariffs: ट्रंप ने भारत पर लगाया 26% Reciprocal Tarrif, PM मोदी को बताया अच्छा दोस्त, कहा- निर्णय मुश्किल रहा