राज्य सरकार ने दो प्रशासनिक अधिकारियों के विरुद्ध विभागीय कार्यवाही का अंतिम आदेश जारी किया
रांची: झारखंड सरकार ने दो प्रशासनिक अधिकारियों के विरुद्ध चल रही विभागीय जांच के बाद अंतिम निर्णय सुना दिया है। इसमें खलारी के तत्कालीन अंचल अधिकारी (सीओ) रवि किशोर राम को दोषी मानते हुए निंदन की सजा दी गई है, जबकि ठेठईटांगर, सिमडेगा के तत्कालीन बीडीओ शिवाजी भगत को सभी आरोपों से दोषमुक्त कर दिया गया है। इस संबंध में राज्य के कार्मिक एवं प्रशासनिक सुधार विभाग ने 24 अप्रैल 2025 को अंतिम आदेश जारी किया।
रवि किशोर राम पर जमीन रसीद में अनियमितता का आरोप
रवि किशोर राम पर आरोप था कि वर्ष 2021 में बुकबुका ग्राम स्थित खाता संख्या 04, प्लॉट संख्या 37, 46 एवं 57, कुल रकबा 1.59 एकड़ की जमीन को फर्जी तरीके से एक व्यक्ति के नाम पर रसीद जारी की गई थी। जांच में पाया गया कि उक्त जमीन बिहार सरकार के नाम दर्ज थी।
राम ने वर्ष 1990 से 2020 तक के लगान की फर्जी रसीद काटने में मदद की थी। इसके आधार पर तत्कालीन डीसी रांची ने उनके विरुद्ध विभागीय कार्रवाई की अनुशंसा की थी। जांच में रवि किशोर राम की भूमिका को संदिग्ध पाया गया और विभागीय कार्यवाही के बाद उन्हें निंदन (Censure) की सजा दी गई।
शिवाजी भगत पर लगे आरोप खारिज
वहीं, ठेठईटांगर प्रखंड के तत्कालीन बीडीओ शिवाजी भगत पर मई 2018 में बिना प्रभार सौंपे और बिना अनुमति के प्रखंड मुख्यालय से बाहर रहने का आरोप लगा था। इसके अलावा रोकड़ पंजी का अद्यतन संधारण नहीं करने और निरीक्षण प्रतिवेदन प्रस्तुत नहीं करने के भी आरोप लगाए गए थे।
डीसी द्वारा स्पष्टीकरण मांगने के बाद जुलाई 2018 में उनके खिलाफ विभागीय कार्यवाही की सिफारिश की गई थी। हालाँकि, जांच में भगत के जवाबों से संतुष्ट होते हुए उन्हें सभी आरोपों से दोषमुक्त कर दिया गया। कार्मिक विभाग ने इस पर अंतिम आदेश जारी कर भगत को क्लीन चिट दे दी है।
निष्कर्ष: पारदर्शिता सुनिश्चित करने की दिशा में प्रशासन का बड़ा कदम
प्रशासनिक अधिकारियों के विरुद्ध समयबद्ध और निष्पक्ष जांच से सरकारी कार्यप्रणाली में पारदर्शिता और उत्तरदायित्व को बढ़ावा मिलेगा। राज्य सरकार द्वारा लिया गया यह निर्णय सरकारी सेवाओं में भरोसे को मजबूत करेगा।