झारखंड के युवा हैरान-परेशान है कि दूसरे राज्यों में वहां की राज्य की सिविल सेवा परीक्षाएं धूमधाम के साथ हो रही हैं, लेकिन झारखंड में राज्य परीक्षाएं वर्षों से अटकी पड़ी हैं। राज्य की परीक्षाएं नहीं होने से युवाओं का भविष्य बर्बाद हो रहा है। वे युवा जो उम्र की एक दहलीज पार कर चुके हैं, या जेपीएसी की परीक्षा देने से कुछ समय बाद अयोग्य होने वाले हैं उनकी चिंता को आसानी से समझा जा सकता है।
सवाल यह है कि आखिर जेपीएससी परीक्षाएं ले क्यों नहीं रहा है? यह सवाल भले अहम है, लेकिन इसका जवाब राज्य सरकार और जेपीएससी के ही पास है। दरअसल, मामला राज्य की सिविल सेवा परीक्षा की नियमावली में संशोधन से जुड़ा है और राज्य की जेपीएससी नियमावली में संशोधन पेंडिंग पड़ा हुआ है, इसलिए जेपीएससी परीक्षा नहीं ले पा रहा है। इसलिए झारखंड सिविल सेवा परीक्षा से संबंधित नियमावली पर अंतिम स्वीकृति नहीं मिलने की वजह से 11वीं, 12वीं व 13वीं सिविल सेवा परीक्षा में अभी और विलम्ब होगा। जो छात्र तैयारी में जुटे हुए हैं उन्हें अभी कुछ महीने और इन्तजार करना होगा।
कैबिनेट से स्वीकृति के बाद हो सकेगी परीक्षा
बता दें कि विभागीय मंत्री के रूप में मुख्यमंत्री की नियमावली पर सहमति मिल चुकी है। अब नियमावली संशोधन के प्रारूप के जेपीएससी की सहमति मिलने के बाद कैबिनेट में लाया जाएगा। यहां जब इसे स्वीकृति मिल जायेगी तब शायद जेपीएससी परीक्षाओं का मार्ग प्रशस्त हो सकेगा। 31 अक्टूबर को जेपीएससी एवं कार्मिक एवं प्रशासनिक सुधार विभाग के अधिकारियों की उच्चस्तरीय बैठक बुलाई गई थी, पर जेपीएससी की ओर से कोई अधिकारी उपस्थित नहीं हुए।
एक साथ ली जा सकती हैं जेपीएससी की तीनों परीक्षाएं
राज्य के गठन के बाद से जेपीएससी ने अब तक सिविल सेवा की 10 परीक्षाएं ली हैं। 2021 एवं 2022 की 11वीं और 12वीं सिविल सेवा परीक्षाएं होनी हैं। जिनमें कुल 354 रिक्तियां हैं। जेपीएससी नियमावली संशोधन पर मुहर लगने के बाद उम्मीद है 11वीं से 13वीं की भी परीक्षा एक साथ ली जा सकती हैं। तीनों परीक्षाएं एक साथ होने से रिक्तियों की संख्या 500 के पार जा सकती है।
न्यूज डेस्क/ समाचार प्लस – झारखंड-बिहार
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