JPSC News: झारखंड राज्य में जल्द ही लागू होने वाली नई नियमावली लेकर रोज़ कुछ नया सुनने को मिल रहा है. वहीं सदन के बाहर कुछ पत्रकारों से बात करते हुए सांसद अमित मंडल ने भी इसे लेकर एक अहम बयान दिया है. एक रिपोर्ट में उन्होंने कहा कि राज्य सरकार रोजगार योजनाओं से जुड़े युवाओं की आवाज दबाने के लिए नई नियमावली लेकर आयी है. इसे झारखण्ड प्रतियोगिता परीक्षा नियमावली का नाम दिया गया है. बता दें इसका पैटर्न राज्य की जेपीएससी (JPSC) परीक्षा से बहुत अलग होने वाला है .
जानें सांसद अमित मंडल ने क्या कहा
विधायक अमित मंडल की माने तो युवाओं के लिए कई चीजें खतरनाक हो सकती हैं. ध्यान देने वाली सबसे जरूरी बातों में से एक यह है कि युवाओं के खिलाफ है. इसमें एक अहम बात यह है कि कोई भी व्यक्ति अगर नियमावली को लेकर, इससे जुड़े कर्मचारी, उनके रिश्तेदार या मित्र पर किसी तरह की टिप्पणी करता है तो उस पर एफआईआर किया जाएगा. एक रिपोर्ट में अमित मंडल ने कहा कि सरकार बिल पर टिप्पणी करने का अधिकार छीनना चाहती है.
सवाल उठाए तो जायेंगे जेल
विधायक अमित ने बताया कि इस नियमावली में एक क्लाउज यह भी है. उन्होंने बताया गर परीक्षा के प्रश्न, इसके स्वरूप आदि को लेकर किसी ने टीका टिप्पणी की तो ऐसे व्यक्तियों पर भी FIR किया जाएगा. इसका मतलब है कि अगर आप जेपीएससी (JPSC) पर सवाल उठाते हैं तो आप पर कार्रवाई की जाएगी. इस नियमावली में यह भी कहा गया है कि अगर कोई अभ्यर्थी नियमावली पर सवाल खड़े करता है तो उसे सजा मिलेगी. सजा के तौर पर दो से 10 साल तक के लिए राज्य सरकार की किसी भी जेपीएससी (JPSC) या अन्य परीक्षा में शामिल होने से वंचित किया जाएगा. इसका मतलब अगर आप अपने हक के लिए आंदोलन करते हैं दो से 10 साल का डिबार भी झेलना होगा.
बिना किसी जांच के भेज दिया जाएगा जेल
नियमावली के संबंध में अमित मंडल ने एक रिपोर्ट में बताया कि यह नियमावली राज्य सरकार का तुगलकी फरमान है. इसके तहत अगर किसी उम्मीदवार पर इस नियमावली के तहत एफआईआर होता है तो बिना किसी जांच-पड़ताल के भी उसे गिरफ्तार किया जा सकता है. इसी में यह बात जुड़ा हुआ है कि गिरफ्तारी के लिए किसी भी अधिकारी के अनुमोदन की जरूरत नहीं होगी. अमित मंडल ने बताया कि आज बिल की कॉपी मिली है. फिर यह प्रवर समिति में जाएगी. इसके बाद इस पर बहस होगी. इस बिल का वे लोग हर हाल में विरोध करेंगे.
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