वक्फ संशोधन विधेयक (Wakf Amendment Bill) को संयुक्त संसदीय समिति (JPC) ने मंजूरी दे दी है।इसमें 14 बदलाव किए गए हैं। विपक्ष की तरफ से कुछ सुझाव दिए गए थे, लेकिन उन्हें स्वीकार नहीं किया गया। बजट सत्र में रिपोर्ट सदन में पेश की जाएगी। समिति में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (BJP) के जगदम्बिका पाल के नेतृत्व में विपक्षी सांसदों ने 44 संशोधनों का प्रस्ताव रखा था, लेकिन सभी को अस्वीकार कर दिया गया। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक 14 प्रस्तावित बदलावों पर 29 जनवरी को मतदान होगा और अंतिम रिपोर्ट 31 जनवरी तक जमा की जाएगी। समिति को मूल रूप से 29 नवंबर तक रिपोर्ट देने के लिए कहा गया था, लेकिन इस समय सीमा को बजट सत्र के अंतिम दिन 13 फरवरी तक बढ़ा दिया गया।
विपक्ष का आरोप – ‘बैठक में हमारी नहीं सुनी गयी’
वक्फ विधेयक (Wakf Amendment Bill) पर सोमवार 27 जनवरी 2025 को संयुक्त समिति की बैठक के दौरान विधेयक पर हर क्लॉज को लेकर चर्चा की गई. JPC अध्यक्ष जगदंबिका पाल का कहना है कि समिति की ओर से अपनाए गए संशोधन कानून को अधिक बेहतर और प्रभावी बनाया जाएगा. वहीं विपक्षी सांसदों ने विधेयक को लेकर विपक्ष की कार्यवाही की निंदा की है. TMC सांसद कल्याण बनर्जी ने JPC अध्यक्ष पर लोकतांत्रिक प्रक्रिया को बर्बाद करने का आरोप लगाते हुए कहा कि बैठक में उनकी कोई बात नहीं सुनी गई. उन्होंने कहा,’ उन्होंने हमें बोलने नहीं दिया. किसी भी नियम या प्रक्रिया का पालन नहीं किया गया है. शुरुआत में हमने दस्तावेज, रिपोर्ट और टिप्पणियां मांगी थीं. हमें वे सब नहीं दिया गया.’
‘रिपोर्ट पेश नहीं होने देने चाह रहा था विपक्ष’
संशोधन (Wakf Amendment Bill) को लेकर JPC अध्यक्ष जगदंबिका पाल ने कहा,’ मैंने JPC के सभी सदस्यों को अपने विचार रखने की अनुमति दी थी. मैंने जब उनके सवालों का जवाब देने की कोशिश की तो उन्होंने नारेबाजी, शोर मचाना और असंसदीय शब्दों का इस्तेमाल कर खूब हंगामा मचाया.’ JPC अध्यक्ष ने कहा कि विपक्षी सांसद बैठक को आगे नहीं बढ़ने दे रहे थे. उन्होंने लोकतंत्र को कमजोर करने की कोशिश की. उन्होंने विपक्ष पर आरोप लगाते हुए कहा कि वह रिपोर्ट को पेश नहीं करने देना चाहते थे.
दिल्ली चुनाव को लेकर रिपोर्ट पेश करने पर जोर दे रही है बीजेपी – विपक्ष
बता दें कि 24 जनवरी 2025 को हुई JPC की बैठक में काफी हंगामा देखने को मिला था. इस दौरान 10 विपक्षी सांसदों को सस्पेंड भी कर दिया गया था. इसके बाद विपक्षी सांसदों की ओर से लोकसभा सदस्य ओम बिड़ला को एक पत्र लिखा गया, जिसमें मामले की निष्पक्ष जांच करने की मांग की गई. विपक्ष का दावा था कि उन्हें ड्राफ्ट में प्रस्तावित बदलावों को लेकर संशोधन का पर्याप्त समय नहीं दिया गया. वहीं भाजपा पर आरोप लगाया कि दिल्ली चुनाव को देखते हुए पार्टी वक्फ संशोधन विधेयक पर रिपोर्ट जल्दी संसद में पेश करने पर जो दे रही है.
न्यूज़ डेस्क/ समाचार प्लस, झारखंड – बिहार
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