न्यूज डेस्क/ समाचार प्लस – झारखंड-बिहार
पुलिस मुख्यालय की बड़ी कार्रवाई में रांची में नशे के तस्करों पर शिकंजा कसने में कामयाबी मिली है। यह कामयाबी आतंकवादी निरोधी दस्ते (ATS) के हाथ लगी है। ATS झारखण्ड राज्य में संगठित आपराधिक गिरोहों के विरुद्ध ठोस कार्रवाई करने, इन गिरोहों के फंडिंग, आर्थिक स्रोतों, हवाला चैनल एवं इनके द्वारा अपराध से अर्जित की संपत्ति का पता लगाने तथा इस प्रकार के अन्य आपराधिक कृत्यों में संलिप्त अपराधियों पर लगातार कार्रवाई कर रहा है।
आतंकवाद निरोधी दस्ता झारखण्ड, रांची की ताजा कार्रवाई में उसके हाथ नशे के तीन सौदागर लगे हैं। बताया गया कि बुधवार को सूचना मिली की बूटी मोड़ से बीआईटी मेसरा, रांची की ओर जाने वाले रास्ते में कुछ लोग मोटरसाइकिल से आकर अवैध तरीके से अफीम (मादक पदार्थ) की खरीद-फरोख्त करने वाले हैं। यह सूचना मिलने के बाद पुलिस उपाधीक्षक, आतंकवाद निरोधी दस्ते के नेतृत्व में टीम गठित कर उसे अभियुक्तों का सत्यापन एवं विधि-सम्मत कार्रवाई हेतु आदेशित किया गया।
बुधवार को छापामारी के क्रम में शिवनाथ मुण्डा, उम्र-36 वर्ष, पिता- स्व. महादेव मुण्डा, ग्राम-बन्धुआ, थाना-नामकोम, जिला-रांची, सुदेश कुमार, उम्र-26 वर्ष, पिता-हेमन महतो, ग्राम-गिद्धौर, थाना-गिद्धोर, जिला-चतरा और विकास कुमार, उम्र-23 वर्ष, पिता-हेमन्त दांगी, ग्राम-सिंहानी, थाना-पत्थलगडा, जिला-चतरा को जुमार नदी पुल के नजदीक मनन विद्यालय के सामने 2 मोटरसाइकिल, 10 किलो अफीम, जिसका बाजार मूल्य लगभग 16 लाख रुपये है तथा अफीम खरीदने के लिए लाये गये 8 लाख 57 हजार 2 सौ रुपये कैश के साथ उक्त तीनों अभियुक्तों को गिरफ्तार किया गया है।
अब तक के अनुसंधान में यह बात प्रकाश में आयी है कि गिरफ्तार अभियुक्त शिवनाथ मुण्डा के द्वारा अपने घर के आस-पास के ग्रामीण क्षेत्रों से 80 हजार रुपये प्रति किग्रा की दर से अफीम खरीद कर लायी गयी थी एवं चतरा के रहने वाले गिरफ्तार अभियुक्त सुदेश कुमार एवं विकास कुमार को 90 हजार रुपये प्रति किलो की दर से बेची जानी थी तथा यह अफीम चतरा होते हुए देश के अन्य राज्यों में ऊंची दर पर बिक्री हेतु भेजी जानी थी। साथ ही यह भी बात प्रकाश में आयी है कि गिरफ्तार अभियुक्त शिवनाथ मुण्डा के द्वारा पूर्व में भी अवैध अफीम की खरीद-फरोख्त की गयी है।
उपरोक्त संदर्भ में एटीएस थाना काण्ड सं.-04/23 दिनांक 22.03.2023 धारा 18(बी)/22(बी)/29 एन0डी.पी.एस. एक्ट के अन्तर्गत काण्ड दर्ज कर एटीएस के द्वारा इस कारोबार में शामिल सिंडिकेट का पता लगाया जा रहा है।
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