न्यूज डेस्क/ समाचार प्लस – झारखंड-बिहार
परिवहन सचिव के. श्रीनिवासन ने आखिरकार कोर्ट में उपस्थित होकर माफी मांग ली, कोर्ट ने उन्हें माफ भी कर दिया। मामला मोटर व्हीकल इंस्पेक्टर की नियुक्ति प्रक्रिया से जुड़ा है। कोर्ट ने परिवहन सचिव को नियुक्ति प्रक्रिया जल्द शुरू करने का निर्देश जारी किया उस पर परिवहन सचिव ने कोर्ट को आश्वासन दिया कि नियुक्ति प्रक्रिया के कोर्ट के आदेश का अनुपालन 15 मई तक पूरा कर लिया जायेगा। बता दें सुनील कुमार पासवान ने याचिका दायर कर कोर्ट को बताया था कि राज्य में मोटर व्हीकल इंस्पेक्टर के 49 पद स्वीकृत है, इनमें से कई पद वर्षों से रिक्त हैं। इसी मामले में कोर्ट ने अवमानना के मामले में कई बार निर्देश देने के बाद भी जवाब दाखिल न करने पर परिवहन सचिव के नाम गिरफ्तारी वारंट जारी किया था। जस्टिस एस चंद्रशेखर की कोर्ट ने रांची एसएसपी को निर्देश दिया कि वह 17 अप्रैल को दोपहर 1:15 बजे परिवहन सचिव को कोर्ट में पेश करें। इस आदेश के बाद एसएसपी किशोर कौशल और के. श्रीनिवासन कोर्ट में उपस्थित हुए।
यह है मामला
याचिकाकर्ता सुनील कुमार पासवान ने हाईकोर्ट में परिवहन सचिव को मोटर व्हीकल इंस्पेक्टर (एमवीआई) के रिक्त पदों पर नियुक्ति प्रक्रिया शुरू करने की याचिका दायर की थी। इस पर कोर्ट ने सचिव से जवाब भी मांगा था। कोर्ट ने परिवहन सचिव से 29 मार्च तक शपथ पत्र के माध्यम से जवाब दाखिल करने को कहा था। 29 मार्च को सचिव ने जवाब देने के लिए दो हफ्ते का समय मांगा था। समय सीमा खत्म होने के बाद शनिवार को कोर्ट में सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान सरकारी पक्ष के वकील ने वारंट जारी करने के बदले परिवहन सचिव को कोर्ट में हाजिर होने की अनुमति मांगी, लेकिन कोर्ट ने गिरफ्तारी वारंट जारी किया था।
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