झारखंड सरकार ने शुक्रवार को बड़े पैमाने पर आईएएस और आईपीएस अधिकारियों को ट्रांसफर किया था। जमशेदपुर पूर्वी के निर्दलीय विधायक सरयू राय ने इतने बड़े पैमाने पर की गयी ट्रांस्फर पोस्टिंग पर हैरानी जताते हुए इस पर सवाल हुए हैं। इस ट्रांस्फर पोस्टिंग को लेकर राज्य सरकार की मंशा पर भी सवाल उठाये हैं। विधायक ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को पत्र लिख कर अपनी आपत्ति जतायी है।
सरयू राय ने पत्र में कहा- भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों का अपरिपक्व स्थानांतरण सरकार द्वारा किया गया है। वर्ष 2020 में 65, 2021 में 69 और 2022 में 80 प्रशासनिक पदाधिकारियों का स्थानांतरण राज्य सरकार ने उनके कार्यकाल की निर्धारित न्यूनतम अवधि पूरी होने के पहले किया है। यह स्थानांतरण सिविल सर्विसेज बोर्ड में समीक्षोपरांत किये गये हैं। कुछ दिन पहले कार्यकाल की निर्धारित अवधि पूरा होने के काफी पहले पूर्वी सिंहभूम के उपायुक्त का स्थानांतरण सरकार ने किया था। अब 8 सितंबर को पूर्वी सिंहभूम के वरीय पुलिस अधीक्षक और रांची के वरीय पुलिस अधीक्षक का स्थानांतरण भी उनके कार्यकाल की न्यूनतम निर्धारित अवधि पूरी होने के पहले कर दिया गया।
विधायक सरयू राय ने आगे लिखा- सरकार का यह निर्णय केन्द्रीय अधिनियम के तहत जारी भारत सरकार की अधिसूचना दिनांक 28.01.2014 और इसके आलोक में झारखंड सरकार द्वारा दिनांक 24.02.2015 को निर्गत अधिसूचना के तहत गठित सिविल सर्विसेज़ बोर्ड के प्रावधानों का उल्लंघन है। भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों को अनुचित एवं मनमाना राजनीतिक हस्तक्षेप से संरक्षण देना और उन्हें विधि सम्मत दायित्व का निर्वहन करने का अवसर देना ही केन्द्र द्वारा प्रासंगिक अधिनियम को पारित करने एवं उपर्युक्त अधिसूचनाओं को निर्गत करने का उद्देश्य है। परन्तु अफसोस है कि राज्य सरकार इनके प्रति गंभीर नहीं प्रतीत हो रही है।
न्यूज डेस्क/ समाचार प्लस – झारखंड-बिहार
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