दुनिया की सबसे लंबी जल यात्रा पर निकली गंगा विलास क्रूज (Ganga Vilas Cruise) यूपी-बिहार को पार करते हुए अपने तय समय से पहले झारखंड के साहिबगंज के समदा स्थित मल्टी मॉडल बंदरगाह पहुंचा गया। विदेशी पर्यटकों को साथ लेकर चल रहे गंगा विलास क्रूज (Ganga Vilas Cruise) के साहिबगंज के समदा पहुंचने पर राजमहल के विधायक अनंत ओझा के नेतृत्व में विदेशी सैलानियों का अंग वस्त्र देकर स्वागत किया गया। मौके पर एसपी अनुरंजन किसकोट्टा, डीएफओ मनीष तिवारी, आईडब्ल्यूएआई निदेशक संजीव कुमार, जिला परिवहन पदाधिकारी संतोष गर्ग, जिला खनन पदाधिकारी विभूति कुमार, जिला जनसंपर्क पदाधिकारी सविता सिंह, एनडीसी मिथलेश झा, एसडीओ राहुल जी आनंद जी, एसडीपीओ सहित अन्य उपस्थित थे।
गंगा बिलास क्रूज को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 13 जनवरी को वर्चुअल मोड पर झंडी दिखाकर वाराणसी से असम के डिब्रूगढ़ के लिए रवाना किया था। 3200 किलोमीटर की यात्रा के दौरान गंगा बिलास क्रूज बांग्लादेश होते हुए 52 दिनों यात्रा में डिब्रूगढ़ आसाम पहुंचेगा । इस दौरान भारत और बांग्लादेश में 27 नदी प्रणालियों को पार करते हुए यह क्रूज विश्व धरोहर स्थलों, नदी घाटों सहित कई पर्यटन स्थलों से गुजरेगा ।
गंगा विलास क्रूज में क्या-क्या सुविधाएं
इस क्रूज में 3 डेक और 18 सुइटस हैं इसमें 36 पर्यटकों को ले जाने की क्षमता है इस क्रूज की पहली यात्रा में स्विट्जरलैंड के 31 पर्यटक शामिल हैं। साथ में 36 क्रू मेंबर भी इसमें सवार हैं ।
गंगा विलास क्रूज की खास बातें
- गंगा विलास क्रूज़ जहाज़रानी, बंदरगाह और जलमार्ग मंत्रालय के अंतर्गत भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण की परियोजना है।
- यह महाबोधि मंदिर, हज़ारदुआरी पैलेस, कटरा मस्जिद, बोधगया, चंदानगर चर्च, चार बंगला मंदिर और अन्य सहित गंगा नदी के तट पर 40 ऐतिहासिक स्थलों को जोड़ेगा।
- गंगा नदी पर राष्ट्रीय जलमार्ग-1 तथा ब्रह्मपुत्र पर राष्ट्रीय जलमार्ग-2 को जोड़ने के अलावा 27 नदी प्रणालियों को जोड़ेगा।
- हल्दिया (सागर) और इलाहाबाद (1620 किमी.) के बीच गंगा-भागीरथी-हुगली नदी प्रणाली को वर्ष 1986 में NW-1 घोषित किया गया था।
- विश्व धरोहर स्थलों, राष्ट्रीय उद्यानों, नदी घाटों और बिहार में पटना, झारखंड में साहिबगंज, पश्चिम बंगाल में कोलकाता, बांग्लादेश में ढाका तथा असम में गुवाहाटी जैसे प्रमुख शहरों सहित 50 पर्यटन स्थलों की यात्रा के साथ 51 दिनों की क्रूज़ की योजना बनाई गई है।
गंगा विलास क्रूज परियोजना से लाभ
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गंगा विलास क्रूज नामक जिस रिवर परियोजना की शुरुआत की है, इसका निस्संदेह पर्यटना को काफी लाभ पहुंचेगा। इसका लाभ सिर्फ केन्द्र सरकार को ही नहीं मिलेगा, बल्कि यह क्रूज जिन-जिन रास्तों से गुजरेगा। जिन-जिन स्थानों पर इसका पड़ाव होगा। उन क्षेत्रों को भी इसका निश्चित रूप से लाभ पहुंचेगा। पहली बार साहिबगंज पहुंचने के बाद विदेशियों अतिथियों का जिस प्रकार स्वागत किया गया। जिस प्रकार हाट-बाजार लगाया गया, यह बताने के लिए काफी है कि झारखंड भी इस रिवर क्रूज परियोजना के प्रति आशान्वित है।
सिर्फ झारखंड ही नहीं उन तमाम राज्यों को भी परियोजना लाभ पहुंचाने का काम करेगा। इस रिवर परियोजना का भविष्य मे यह लाभ हो सकता है-
- यह सेक्टर प्रदेश के भीतरी क्षेत्रों में रोज़गार के अवसरों में वृद्धि करेगा।
- यह परियोजना रिवर क्रूज़ पर्यटन को बढ़ावा देगी और भारत के लिये पर्यटन क्षेत्र में एक नवीन युग का प्रारंभ करेगी। क्रूज़ को दुनिया के सामने भारत के सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन के लिये तैयार किया गया है।
- यह विदेशी पर्यटकों को एक अनुभवात्मक यात्रा शुरू करने तथा भारत और बांग्लादेश की कला, संस्कृति, इतिहास एवं आध्यात्मिकता में शामिल होने का अवसर प्रदान करेगी।
साहिबगंज से प्रीतम पांडे की रिपोर्ट/ समाचार प्लस – झारखंड-बिहार
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