Jharkhand: झारखंड (Jharkhand) में हाईस्कूल शिक्षकों की नियुक्ति (high school teachers) के मामले में दायर अवमानना याचिका और अन्य याचिकाओं पर कोर्ट ने साफ़ कर दिया है कि जिन शिक्षकों की अभी तक (शेड्यूल्ड और नॉन शेड्यूल्ड जिलों में) नियुक्ति हो चुकी है, उनकी नौकरियां सुरक्षित रहेंगी. इसके अलावा झारखंड हाईकोर्ट में याचिककर्ता रहे लोगों को भी नियुक्तियां (teachers appointment) होंगी. इसके लिए पहले से नियुक्त लोगों की मेरिट लिस्ट को आधार बनाया जाएगा.
तीन महीने के भीतर नियुक्ति प्रक्रिया पूरी करने का आदेश
सुप्रीम कोर्ट(Supreme Court) ने अहम फैसला सुनाते हुए राज्य सरकार को तीन महीने के भीतर नियुक्ति प्रक्रिया पूरी करने का आदेश दिया है. गुरुवार को लगातार दूसरे दिन जस्टिस एमआर शाह और जस्टिस सीटी रवि कुमार की अदालत में इस मामले की सुनवाई हुई. सुनवाई के दौरान कोर्ट ने पूर्व में हो चूकी नियुक्ति को सुरक्षित मानते हुए सरकार को इस केस में याचिका दाखिल करने वाले पेटिशनर को भी नियुक्त करने का आदेश दिया (Supreme Court big decision). इसके अलावे शेष बचे पदों के लिए इस परीक्षा में शामिल अभ्यर्थियों का स्टेट लेवल मेरिट लिस्ट तैयार कर नियुक्त करने को कहा है.
गौरतलब है कि 2016 की नियोजन नीति (employment policy) के तहत झारखंड के 13 अनुसूचित जिलों के सभी तृतीय व चतुर्थ वर्गीय पदों को उसी जिले के लिए स्थानीय निवासियों के लिए आरक्षित किया गया था वहीं गैर अनुसूचित जिले में बाहरी अभ्यर्थियों को भी आवेदन करने की छूट दी गई थी.
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