Jharkhand: आदिवासी युवाओं के ऊपर पुलिसिया कार्रवाई पर ST आयोग गंभीर, पाकुड़ SP से किया जवाब तलब!

झारखंड में बांग्लादेशी घुसपैठ और उससे राज्य, विशेषकर, संताल परगना की बदलती डेमोग्राफी पर राजनीति पूरी तरह से गर्म है। झारखंड में यह राजनीति तब से ज्यादा ही गर्म हो गयी है, जब से गोड्डा को सांसद डॉ निशिकांत दुबे ने यह मामला लोकसभा में उठाया। झारखंड में सत्ता पक्ष भी इसके लेकर हमलावर है. और इसे उसका मनगढंत शिगूफा बतला रहा है। इस राजनीतिक रार के बीच गोड्डा सांसद ने एक और विस्फोट किया है। निशिकांत दुबे ने X पर एक पोस्ट करके न सिर्फ राज्य सरकार को आड़े हाथों लिया है, बल्कि चेतावनी भी दी है। निशिकांत दुबे ने अपने पोस्ट में लिखा-

बांग्लादेशी घुसपैठिया,आदिवासी लड़कियों के खिलाफ लव जिहाद व आदिवासी समाज के खिलाफ लैंड जिहाद के विरूद्ध आंदोलन रोकने के लिए आदिवासी समाज के लड़कों पर संथालपरगना के पाकुड ज़िला में @JharkhandPolice ने डंडे बरसाए, हत्या का प्रयास किया।अंततः अनुसूचित जनजाति आयोग ने संज्ञान लिया, शायद @INCIndia सरकार का आतंक कम हो।

अनुसूचित जनजाति आयोजन ने दैनिक समाचार पत्र ‘द हिंदू’ पटना संस्करण में 28.07.2024 को प्रकाशित समाचार में “झारखंड में पुलिस के साथ झड़प में 11 आदिवासी छात्र घायल हुए’ शीर्षक खबर के हवाले से पाकुड़ एसपी से पत्र लिखकर सवाल किया है।  आयोग ने लिय़ा राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग को एक याचिका/शिकायत/सूचना प्राप्त हुई है, जैसा कि संलग्न है और आयोग ने भारत के संविधान के अनुच्छेद 338ए के तहत उसे प्रदत्त शक्तियों के अनुसरण में मामले की जांच/पूछताछ करने का निर्णय लिया है। आपसे अनुरोध है कि आप उक्त आरोपों/मामलों पर की गई कार्रवाई के तथ्य और जानकारी इस नोटिस की प्राप्ति के 3 दिन के भीतर डाक द्वारा या व्यक्तिगत रूप से या संचार के किसी अन्य माध्यम से नीचे हस्ताक्षरकर्ता को प्रस्तुत करें। कृपया ध्यान दें कि यदि आयोग को निर्धारित समय के भीतर आपसे उत्तर प्राप्त नहीं होता है, तो आयोग भारत के संविधान के अनुच्छेद 338 ए के तहत दी गई सिविल न्यायालयों की शक्तियों का प्रयोग कर सकता है और आयोग के समक्ष व्यक्तिगत रूप से या किसी प्रतिनिधि द्वारा आपकी उपस्थिति के लिए समन जारी कर सकता है।

इतना ही नहीं, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने हेमंत सरकार को बांग्लादेशी घुसपैठ पर गंभीर होने की सलाह देते हुए, इस पर कड़ा एक्शन लेने का भी आग्रह किया है।

न्यूज डेस्क/ समाचार प्लस – झारखंड-बिहार

यह भी पढ़ें:  Jharkhand: हेमंत सोरेन को सुप्रीम राहत, जमानत के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंचे ED को तगड़ा झटका