Jharkhand School of Excellence: रांचीः झारखंड में आज से यानी मंगलवार से स्कूल ऑफ एक्सीलेंस (Jharkhand School of Excellence) का शुभारंभ होने जा रहा है .निजी विद्यालयों से मुकाबला करने के उद्देश्य से इस प्रोजेक्ट की शुरुआत हो रही है. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन आज (मंगलवार ) इसका उद्घाटन करेंगे. आज मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन जगन्नाथपुर स्थित ठाकुर विश्वनाथ शाहदेव हाई स्कूल कैंपस में बने नवनिर्मित भवन का उदघाटन करेंगे. पहले चरण में पूरे राज्य में बने होगा. बता दें कि 31 जुलाई, 2021 को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने सरकारी स्कूलों को ‘उत्कृष्ट विद्यालय’ में बदल कर झारखंड के छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने की दिशा में ठोस कदम उठाया था.
निजी स्कूलों के मॉडल पर बने हैं स्कूल
सभी ‘स्कूल ऑफ एक्सिलेंस’(Jharkhand School of Excellence) को विश्वस्तरीय शिक्षा प्रणाली के अनुरूप ढाला गया है. स्कूल में निर्बाध बिजली आपूर्ति, स्वच्छ वातावरण और स्मार्ट बोर्ड जैसी अन्य सुविधाएं होंगी. इन स्कूलों का विकास निजी स्कूलों के मॉडल पर किया गया है और यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि गरीब बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा निजी स्कूलों की तरह मिल सके. इसे देखते हुए हर स्कूल में अलग-अलग लैब, लाइब्रेरी और एसटीईएम लैब भी उपलब्ध हैं.
अलग-अलग शौचालय सुविधा
पहले स्कूलों में साफ-सफाई और शौचालय की सुविधा के अभाव में लड़कियों के स्कूल छोड़ने की दर अधिक थी. इस मुद्दे को हल करने के लिए सरकार ने सभी स्कूल परिसरों को लड़कियों और लड़कों दोनों के लिए अलग-अलग शौचालय सुविधाओं से लैस करने की योजना बनाई है.
इन जिलों में खुलेंगे पहले चरण में उत्कृष्ट विद्यालय
पहले चरण में बोकारो, चतरा और देवघर को 3-3 उत्कृष्ट स्कूल मिलेंगे. इसके अलावा धनबाद को 03, दुमका को 04, गढ़वा को 03, गिरीडीह को 04, गोड्डा को 03, गुमला को 03, हजारीबाग को 04, जामताड़ा को 03, खूंटी को 03, कोडरमा को 03, लातेहार को 04, लोहरदगा को 03, पाकुड़ को 03, पलामू को 03, पश्चिमी सिंहभूम को 04, पूर्वी सिंहभूम को 03 और रामगढ़ को 03 उत्कृष्ट स्कूल मिलेंगे. इसी तरह रांची को 05, साहिबगंज को 04, सरायकेला खरसावां को 03 और सिमडेगा को 03 स्कूल मिलने वाले हैं.
सभी स्कूल सीबीएसई से मान्यता प्राप्त
इस योजना के तहत पूरे राज्य में कुल 4496 स्कूल खोले जाएंगे. पहले चरण में 80 स्कूल का उद्घाटन हो रहा है. सभी स्कूल सीबीएसई से मान्यता प्राप्त हैं. विभाग के द्वारा विद्यार्थियों को बेहतर शिक्षा मुहैया कराने के उद्देश्य से सभी सुविधाओं की व्यवस्था की गई है.
दिल्ली की तर्ज पर बने विद्यालय
जिन 80 सरकारी स्कूलों को उत्कृष्ट विद्यालय पहले चरण में बनाया जा रहा है, उस पर काम नवंबर 2021 में शुरू हुआ था. दिल्ली की तर्ज पर राज्य सरकार सरकारी स्कूलों को उत्कृष्ट बनाए जा रहे हैं. अब तक इस पर 310 करोड़़ रुपए खर्च हो चुके हैं. जिसके तहत पढ़ाई से लेकर खेलकूद की सामग्री और शिक्षकों के लिए रूम बनाए गए हैं.

अंग्रेजी पढ़ने की क्षमता होगी विकसित
छात्रों के अंग्रेजी उच्चारण के अभ्यास और उनकी पढ़ने की क्षमता में सुधार करने के लिए पाठ्य पुस्तकों, कहानी की किताबों, लेखों आदि का उपयोग पठन सामग्री के रूप में किया जाएगा. इन मॉडल स्कूलों में सीखने के परिणामों में सुधार के लिए एक समर्पित भाषा प्रयोगशाला स्थापित की जाएगी और इसका उपयोग समीक्षा तंत्र उपकरण के रूप में भी किया जाएगा.
प्राचार्यों और शिक्षकों को प्रशिक्षण भी
मुख्यमंत्री शिक्षा विभाग के अधिकारियों को पहले ही निर्देश दे चुके हैं कि स्कूल प्राचार्यों से लेकर एसएमसी (स्कूल प्रबंधन समिति) तक का प्रशिक्षण मॉड्युल की व्यवस्था की जाए. वह ये भी निर्देश दे चुके हैं कि देश के प्रमुख संस्थानों की मदद से ‘उत्कृष्ट स्कूल’ में प्रतिनियुक्त शिक्षकों को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुसार प्रशिक्षण प्रदान किया जाए. विद्यार्थी केंद्रित शिक्षण सुनिश्चित करने के लिए विद्यालय में पदस्थापित शिक्षकों को समय पर विषयवार प्रशिक्षण दिया जाएगा, ताकि संबंधित विषय में तकनीकी क्षमता का विकास हो और कक्षा का स्मार्ट प्रबंधन हो सके.

कक्षा एक से कक्षा 12 तक की पढ़ाई होगी
उत्कृष्ट विद्यालयों में दिव्यांग बच्चों के लिए विशेष व्यवस्था की गई है. शौचालय, मेडिकल रूम, एनसीसी और स्काउट गाइड का भी निर्माण हुआ है. स्कूल ऑफ एक्सीलेंस में कक्षा एक से कक्षा 12 तक की पढ़ाई होगी. प्रत्येक स्कूल में लकभग 1200 छात्रों की शिक्षण की व्यवस्था की गई है. एडमिशन के लिए टेस्ट लिए जाएंगे. स्कूल में अंग्रेजी बोलने पर विशेष जोर दिया जाएगा. हालांकि पढ़ाई का माध्यम अंग्रेजी और हिंदी दोनों होगा.
80 स्कूलों में रांची के 5 स्कूल
80 स्कूलों में रांची के 5 स्कूल हैं, जिसमें जिला स्कूल, बालकृष्ण प्लस टू उच्च विद्यालय, बरियातू स्थित गवर्नमेंट गर्ल्स स्कूल शामिल है. स्कूल ऑफ एक्सिलेंस प्री-प्राइमरी स्तर से लेकर 12वीं कक्षा तक के छात्रों की जरूरतें पूरी करेगा. इस योजना से राज्य भर के लगभग 15 लाख बच्चे लाभान्वित होंगे. सरकार का लक्ष्य सत्र 2022-23 शुरू होने से पहले जिलास्तरीय 80 उत्कृष्ट स्कूलों, 2023-24 के सत्र से पहले 329 ब्लॉक स्कूलों और 2024-25 के सत्र से पहले 4,000 से अधिक पंचायत स्तर के स्कूलों को स्कूल ऑफ एक्सिलेंस बनाना है.
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