JMM विधायक Kalpana Soren से मिला The Ranchi Press Club का शिष्टमंडल, पत्रकारों के हित पर हुई चर्चा

प्रेस  क्लब के अध्यक्ष सुरेंद्र लाल सोरेन के नेतृत्व में पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की पत्नी और गांडेय विधायक कल्पना सोरेन से शिष्टाचार मुलाक़ात की। साथ ही प्रेस क्लब और पत्रकारों की समस्याओं ने उन्हें रूबरू कराते हुए उनका समाधान करने की मांग की। शिष्टमंडल में क्लब के संयुक्त सचिव रतन लाल, कोषाध्यक्ष कुबेर सिंह, कार्यकारणी सदस्य राणा गौतम, मोनू कुमार, सौरभ शुक्ला तथा प्रेस क्लब के पूर्व अध्यक्ष राजेश सिंह, पूर्व सचिव जावेद अख्तर, शकील अख्तर व विवेक पांडेय शामिल थें.

प्रतिनिधिमंडल कल्पना मुर्मू सोरेन विधायक गांडेय विधानसभा से निर्वाचित होकर विधायक के रूप में राजनीति में नयी पारी की शुरुआत करने पर बधाई दी। प्रतिनिधिमंडल ने लोकसभा चुनाव के शांतिपूर्ण सम्पन्न पर भी प्रसन्नता व्कत की। प्रतिनिधिमंडल ने आगामी विधानसभा की तैयारी में कल्पना सोरेन के पुनः व्यस्त हो जाने को देखते हुए प्रेस क्लब तथा पत्रकारों की कुछ समस्याओं को उनके समक्ष रखा।

 

झारखंड के पत्रकार समूह ने विधायक कल्पना सोरेन के समक्ष जो बातें रखीं वो निम्नलिखित है-

  1. द रांची प्रेस क्लब की परिसंपत्ति सरकार से अहस्तांरित है। कृपया इसकी कागजी कार्रवाई पूरी करने का निर्देश संबंधित पदाधिकारी को दिया जाये।
  2. देश के अन्य राज्यों के तर्ज पर रांची प्रेस क्लब को भी बार का लाइसेंस 1 रुपये की टोकन मनी पर देने की कृपा करें।
  3. विगत कई वर्षों से पत्रकारों के जीवन बीमा व स्वास्थ्य बीमा की प्रक्रिया चल रही है. जो अब तक अधूरी है। लगभग डेढ़ सौ पत्रकारों ने इसके लिए सरकार के पास राशि भी जमा कर दी है, लेकिन अब तक इस योजना का लाभ पत्रकारों को नहीं मिला है।
  4. पूर्व की सरकार ने राज्य में पत्रकारों के लिए अन्य राज्यों की भांति पेंशन योजना आरंभ की थी। आपकी सरकार ने इसे बंद कर दिया है।
  5. पत्रकारों के लिए आवासीय कॉलोनी बनाने की प्रक्रिया आरंभ की जाये। ऐसी सुविधा अन्य राज्यों में भी उपलब्ध है।
  6. एक माह पूर्व से पत्रकारों के झारखंड मंत्रालय (प्रोजेक्ट बिल्डिंग व नेपाल हाउस) में प्रवेश पर पाबंदी लगा दी गयी है, जो अलोकतांत्रिक निर्णय प्रतीत होता है। स्वतंत्र, निष्पक्ष और पारदर्शी पत्रकारिता में यह बाधा है। मंत्रालय में ईडी की छापेमारी के बाद यह कदम उठाया गया है। कई वरिष्ठ पत्रकारों ने इसका विरोध भी किया, लेकिन आचार संहिता और आप सबों के चुनाव में व्यस्त रहने के कारण इस दिशा में कोई पहल नहीं की जा सकी। कृपया इस प्रतिबंध को हटाया जाए और पत्रकारों को मंत्रालय में पूर्व की भांति आने जाने दिया जाये।
  7. आपकी लोकप्रिय सरकार को अपनी योजनाएं मीडिया से साथ साझा करने के लिए एक प्रवक्ता (वरिष्ठ अधिकारी) प्रतिनियुक्त करनी चाहिए, जो हफ्ते में एक दिन प्रेसवार्ता के जरिये मीडिया से बात करे। प्रत्येक माह प्रत्येक विभाग के वरिष्ठ अधिकारी मीडिया को अपने विभाग की उपलब्धियां साझा करें।
  8. निदेशक व सचिव स्तर के अधिकारी के पॉवर के बाहर जनता से मुलाकात का वक्त लिखा होता है (हालांकि यह प्रचलन घटता जा रहा है। उसी प्रकार प्रेस मीडिया से मुलाकात का समय भी निश्चित होनी चाहिए।
  9. राज्य में पत्रकारों के सुरक्षा के लिए पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग दशकों पुरानी है। समय समय पर विधानसभा में माननीय विधायकों ने इसकी मांग उठायी है। कृप्या इस और भी मौजूदा सरकार को सकारात्मक पहल करनी चाहिए।

प्रतिनिधिमंडल ने कल्पना सोरेन से अनुरोध किया कि उनकी मांगों पर सहानुभूति पूर्वक विचार करते हुए अपनी और से सार्थक पहल की जाये।

 

न्यूज डेस्क/ समाचार प्लस – झारखंड-बिहार

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