Jharkhand President Rule: 31 जनवरी की रात से बिना सरकार के है झारखंड, क्या सोच रहे हैं राज्यपाल !

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Jharkhand President Rule: 31 जनवरी को रात के लगभग 9:30 बजे झारखंड के सीएम Hemant Soren ने राज्यपाल को इस्तीफा दिया। झारखंड लैंड स्कैम में ED ने उनसे लगभग 7 घंटे तक पूछताछ की जिसके बाद हेमंत सोरेन सभी विधायकों के साथ राजभवन पहुंचे और वहां राज्यपाल सी पी राधाकृष्णन को इस्तीफा सौंपा।

चम्पई सोरेन बनाये गए विधायक दल के नेता

सीएम हेमंत सोरेन के इस्तीफा देने से पहले सभी झारखंड सरकार के सभी विधायकों की सर्वसम्मति से JMM के दिग्गज नेता और वर्तमान में झारखंड सरकार के मंत्री चम्पई सोरेन को विधायक दल के नेता के रूप में चुना गया। खबरें ये भी है कि चम्पई के नेतृत्व में ही सभी विधायकों ने राज्यपाल से मिलने के लिए समय मांगा है ताकि वो नई सरकार बनाने की सहमति पेश कर सकें।

राष्ट्रपति शासन लगाने की करेंगे सिफारिश

राज्यपाल की ओर से कार्यवाहक मुख्यमंत्री के रूप में भी किसी को मनोनीत नहीं किया गया है। ऐसे में अब राजभवन का अगला कदम क्या होगा? क्या राज्यपाल विधायकों की परेड कराने के बाद चंपई सोरेन को सरकार बनाने का निमंत्रण देंगे या फिर राष्ट्रपति शासन लगाने की सिफारिश करेंगे। अगर सरकार बनाने में भी देरी होती है, तो राज्य में संवैधानिक संकट दूर करने के लिए राज्यपाल क्या निर्णय लेते हैं, यह राज्यपाल ही निर्भर है।

अब तक चंपई सोरेन को सरकार बनाने का समय नहीं

इधर, राज्य के मुख्य सचिव एल खियांग्ते ने देर रात सीएमओ में डीजीपी समेत अन्य अधिकारियों के साथ बैठक की। बैठक में बताया गया कि राजभवन की ओर से अब तक विधायक के नेता चंपई सोरेन को सरकार बनाने का कोई समय नहीं दिया।

चंपई सोरेन को 47 विधायकों का साथ

जेएमएम-कांग्रेस-आरजेडी-माले विधायक दल की बैठक में चंपई सोरेन को विधायक दल का नया नेता चुन लिया गया। चंपई सोरेन ने कहा कि राज्यपाल के सामने सरकार बनाने का दावा किया गया है। राज्यपाल की ओर से अभी कुछ नहीं कहा गया है। चंपई सोरेन ने बताया कि गठबंधन में 47 विधायक है और 43 विधायकों के समर्थन के साथ वे राजभवन भी पहुंचे थे।

82 सदस्यीय झारखंड विधानसभा में दलीय स्थिति

82 सदस्यीय झारखंड विधानसभा में झारखंड मुक्ति मोर्चा सबसे बड़ी पार्टी है। जेएमएम विधायकों की संख्या 29 है। जबकि बीजेपी विधायकों की संख्या 25, कांग्रेस के 16, झारखंड विकास मोर्चा के 2, आजसू पार्टी के 3, सीपीआई-माले के 1, एनसीपी के 1, आरजेडी के 1, दो निर्दलीय और 1 मनोनीत शामिल है। वहीं गांडेय के जेएमएम विधायक सरफराज अहमद के इस्तीफे के कारण एक सीट खाली है।

सत्तापक्ष को 47 विधायकों का समर्थन

सत्तापक्ष के विधायकों की संख्याअ भी 47 है। इसमें जेएमएम के 29, कांग्रेस के 16, झाविमो में 1, सीपीआई-माले के 1, आरजेडी के 1 और 1 मनोनीत विधायक का समर्थन हासिल है।

विपक्षी खेमे में 32 विधायक

झारखंड में विपक्षी खेमे में 32 विधायक है। इसमें बीजेपी के 25 विधायकों के अलावा बाबूलाल मरांडी को अभी भी झाविमो का विधायक ही माना जा रहा है। बाबूलाल मरांडी की सदस्यता को लेकर स्पीकर की अदालत में दल-बदल का मामला चल रहा है। इसके अलावा विपक्षी खेमे में आजसू पार्टी के 3 और 2 निर्दलीय सरयू राय, अमित यादव शामिल है। साथ ही एनसीपी के कमलेश कुमार सिंह ने भी हेमंत सरकार से समर्थन वापस ले लिया है। जिसके बाद वे एनडीए खेमे में आ गए हैं।

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