न्यूज डेस्क/ समाचार प्लस – झारखंड-बिहार
रांची. नि:शुल्क एवं अनिवार्य शिक्षा अधिकार अधिनियम, 2009 (आरटीई) के तहत निजी स्कूलों की मान्यता के लिए स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग ने पोर्टल तैयार किया है। इसका मकसद गरीब तबके के 25 प्रतिशत विद्यार्थियों दाखिला दिलाने का है ताकि वे भी निजी स्कूलों में शिक्षा प्राप्त कर सकें। इस पोर्टल को लाकर सरकार निजी स्कूलों की को यह संदेश देना चाहती है कि अब उनकी मनमानी नहीं चलेगी। लेकिन सवाल है कि क्या ऐसा करके सरकार निजी स्कूलों पर लगाम लगाने में सफल हो जायेगी। 2009 में गरीब छात्रों के लिए लिया गये इस अधिनियम को लेकर आज भी शिकायतें मिलती रहती हैं। अदालतों के दिशा-निर्देशों के बावजूद सरकारें अपने स्तर पर इसे लागू नहीं करवा सकी हैं। इसलिए यह मान लिया जाना चाहिए कि सरकार के कई प्रयासों में यह भी एक और प्रयास है।
साइट पर ऑनलाइन आवेदन
शिक्षा विभाग के सचिव के रवि कुमार ने साइट की लॉन्चिंग के बाद सभी जिलों के उपायुक्तों और जिला शिक्षा अधीक्षकों को निर्देश जारी कर दिए हैं कि नई व्यवस्था के तहत निजी स्कूल के संचालकों को आरटीई के तहत मान्यता के लिए www.rte.jharkhand.gov.in पर ऑनलाइन आवेदन करना है। आरटीई पोर्टल पर अभी तक 764 स्कूलों ने अपना रजिस्ट्रेशन कराया है। हालांकि मान्यता के लिए आवेदन महज 89 स्कूलों ने दिया है।
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