न्यूज डेस्क/ समाचार प्लस – झारखंड-बिहार
लम्बे समय से कोविड-19 की पाबंदियों को झेल रहे झारखंड को थोड़ी राहत मिली है। मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन की अध्यक्षता में झारखंड विधानसभा स्थित मुख्यमंत्री कक्ष में आज कोविड-19 के मद्देनजर प्रतिबंध एवं छूट पर अहम निर्णय लिये गये। झारखंड राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकार की बैठक में लिए गए निर्णय इस प्रकार हैं:-
- सभी ज़िलों में दिनांक 03.22 से विद्यालय में कक्षा 1 एवं इससे ऊपर कि कक्षा के ऑफ़लाइन संचालन की अनुमति दी गयी। उक्त जिलों में कक्षा 1 एवं इससे ऊपर की कक्षा के विद्यार्थी के लिए कोचिंग संस्थान भी खोलने की अनुमति दी गयी।
- रांची, पूर्वी सिंहभूम, देवघर, चतरा, सिमडेगा, सरायकेला और बोकारो में कक्षा 1-8 के लिए दिनांक 03.22 की तिथि तक ऑफ़लाइन परीक्षा प्रतिबंधित रहेंगी।
- विद्यालयों में ऑनलाइन शिक्षा जारी रहेगी। विद्यालय में विद्यार्थियों की उपस्थिति अनिवार्य नहीं होगी।
- सभी के लिए स्विमिंग पूल और स्टेडियम खोलने की अनुमति दी गयी।
- दर्शकों की उपस्थिति में खेलकूद आयोजित करने की अनुमति सम्बंधित उपायुक्त द्वारा दी जाएगी।
- खुले में 500 से अधिक व्यक्ति का एकत्रित होना प्रतिबंधित होगा।
- बंद जगह में 500 से अधिक व्यक्ति या जगह की 50% क्षमता, जो कम हो, का एकत्रित होना प्रतिबंधित होगा।
- सभी सरकारी और निजी कार्यालय में शत-प्रतिशत कर्मी की उपस्थिति की अनुमति दी गयी।
- सभी पार्क और पर्यटन स्थल खोलने की अनुमति दी गयी।
- रेस्ट्रां, बार, सिनेमा हाल, दुकान एवं शॉपिंग माल में पूर्ण क्षमता के अनुरूप व्यक्तियों की उपस्थिति की अनुमति दी गयी।
- सभी दुकान एवं व्यावसायिक प्रतिष्ठान अपने सामान्य समय तक खुले रह सकेंगे।
- आंगनवाड़ी केंद्र खुले रहेंगे।
- मेले, जुलूस और प्रदर्शनी प्रतिबंधित रहेंगे।
- भारत सरकार के आदेश के आलोक में सार्वजनिक स्थल पर मास्क पहनना अनिवार्य है।
- भारत सरकार के आदेश के आलोक में सार्वजनिक स्थल पर दो गज की दूरी (सामाजिक दूरी) का अनुपालन किया जाए।
बैठक में आपदा प्रबंधन विभाग के मंत्री बन्ना गुप्ता , मुख्य सचिव सुखदेव सिंह, अपर मुख्य सचिव-सह-स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव अरुण कुमार सिंह, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव राजीव अरुण एक्का, प्रधान सचिव वित्त विभाग अजय कुमार सिंह, मुख्यमंत्री के सचिव विनय कुमार चौबे, आपदा प्रबंधन विभाग के सचिव अमिताभ कौशल, कृषि विभाग के सचिव अबु बकर सिद्दीकी, एनआरएचएम के अभियान निदेशक रमेश घोलप उपस्थित थे।
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