न्यूज डेस्क/ समाचार प्लस – झारखंड-बिहार
झारखंड में हेमंत सरकार के 3 साल पूरे हो गए हैं। इस मौके पर रांची स्थित प्रोजेक्ट भवन में आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री हेमंत ने राज्य को कई सौगातें दीं। हेमंत सरकार ने कई योजनाओं पर 1200 करोड़ रुपये की सौगात लुटाई है। इस मौके पर हेमंत सोरेने ने कहा कि सरकार लगातार काम कर रही है। और बेहतर काम करने के लिए सभी कोई को एक साथ मिलकर काम करना होगा। हम देश-विदेश में राज्य का नाम ऊंचा करने के लिए काम करते रहेंगे।
मुख्यमंत्री हेमंत ने अपने सम्बोधन में सबसे पहले समारोह में आये सभी लोगों का अभिनन्द किया। जनसेवा के 3 साल कार्यक्रम शामिल सभी लोगों से कहा कि आज सभी के लिए काफी खुशी का दिन है। सरकार ने 3 साल पूरे कर लिये हैं। नए साल में और बेहतर शुरुआत करेंगे।
हेमंत ने दी योजनाओं की सौगात
नई योजनाओं का शुभारंभ करते हुए नये पोर्टल का आगाज सीएम ने किया। जिसके माध्यम से किसानों के लिए सूखा ग्रस्त राशि भेजी गयी। पूरे राज्य के किसानों के खातों में 890 करोड़ रुपये डाले गये। इसके बाद 5.50 लाख किशोरियों के खाते में 225 करोड़ रुपये डीबीटी के माध्यम से भेजे गये।
क्या-क्या कहा मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने
हेमंत सोरेन ने अपनी बात आगे बढ़ाते हुए कहा कि 3 साल में सरकार ने ही नहीं राज्य ने कई उतार-चढ़ाव देखे। पहली ऐसी सरकार होगी जिसे इतनी मुसीबतों का सामना करना पड़ा है। उन्होंने कहा कि झारखंड पिछड़े राज्यों श्रेणी में खड़ा है, लेकिन दुर्भाग्य है कि राज्य की सूरत संवारने के लिए पहले कोई काम नहीं किया गया। राज्य ने 20 सालों तक जो दर्द और शोषण झेला है, वह लोगों के बीच साफ दिखता है। आज लोगों में आशा और उम्मीद जगी है। सरकार लोगों के हक लिए लड़ रही है और आगे भी लोगों के हक और अधिकार की लड़ाई लड़ती रहेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा, जीवन और आजीविका कैसे सुरक्षित रहे। इसके लिए हम लगातार प्रयास कर रहे हैं। जब राज्य पर आपदा थी तब भी दोनों चीजों को गंभीरता के साथ पूरा किया गया। शिक्षा स्वास्थ्य रोजगार, स्वरोजगार के क्षेत्र में हर तरह कुछ चुनौतियां नजर आयेंगी, लेकिन लक्ष्य के अनुरूप हम उस पर काम कर रहे हैं। आज बीपीएल परिवारों से भी अधिकारी बन रहे हैं।
इस राज्य को कैसे विकसित राज्यों की श्रेणी में खड़ा किया जा सके, इसके लिए धीरे-धीरे वातावरण तैयार हो रहा है। राज्य के अंदर क्षमता है, क्षमता का सही तरह से इस्तेमाल किया है। नए वित्तवर्ष में डिमांड के अनुरूप नई शिक्षा व्यवस्था लाने की तैयारी की जा रही है।
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