न्यूज डेस्क/ समाचार प्लस – झारखंड-बिहार
ग्रामीण विकास विभाग के सचिव चंद्रशेखर ने कहा है कि मनरेगा से जुड़ी योजनाओं का क्रियान्वयन बेहतर और योजनाबद्ध तरीके से होना चाहिए। मनरेगा एक बहुआयामी योजना है, जिसके अंतर्गत रोजगार, आवास, पेयजल, महिला सशक्तिकरण, सिंचाई, सड़क, पौधरोपण इत्यादि से संबंधित कई योजनाओं का संचालन हो रहा है। मनरेगा के तहत मानव दिवस सृजित करने पर ज्यादा फोकस हो ताकि ग्रामीण इलाके में ज्यादा से ज्यादा लोगों को रोजगार मिल सके।वह मंगलवार को ग्रामीण विकास विभाग की समीक्षा बैठक में अधिकारियों को संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि जिलों के सामने कई चुनौतियां होती हैं। उन्हें समय और परिस्थितियों के अनुकूल तत्काल निर्णय भी लेने होते हैं। ऐसे में आप अपने निर्णय इस तरह लें कि उसका लाभ ज्यादा से ज्यादा राज्यवासियों मिल सके। मनरेगा कई योजनाओं का समेकित स्वरूप है। इससे ग्रामीण इलाके की एक बड़ी आबादी को फायदा पहुंचाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि कुछ क्षेत्रों में जिलों ने अच्छी उपलब्धि हासिल की है। ऐसे में जहां विकास की गति धीमी है, उसे तेज करने के लिए सभी ठोस कदम उठाए जाने चाहिए।
चंद्रशेखर ने कहा कि ग्रामीण विकास विभाग के द्वारा कई योजनाओं का संचालन किया जा रहा है। इन योजनाओं का अलग-अलग डैश बोर्ड बनाया जाए। डैशबोर्ड पर योजनाओं की पूरी जानकारी होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि राज्य में ग्रामीण विकास विभाग द्वारा संचालित योजनाओं का सघन पर्यवेक्षण तथा जिलों को सतत मार्गदर्शन प्रदान करने के लिए जो मिशन दल के सदस्य नामित हैं, वे क्षेत्र भ्रमण कर योजनाओं का निरंतर अनुश्रवण करें। क्योंकि यह अभियान निरंतर चलता रहेगा।
मनरेगा के तहत ली गई नई योजनाओं का बेहतर रिजल्ट
बैठक में जानकारी दी गयी कि मनरेगा के तहत वर्ष 2022-23 में ली गई नीलांबर पीताबंर जल समृद्धि योजना, बिरसा हरित ग्राम योजना, वीर शहीद पोटो हो खेल विकास योजना और दीदी बाड़ी योजना का बेहतर रिजल्ट रहा है। नीलांबर-पीतांबर जल समृद्धि योजना के तहत एक लाख हेक्टेयर लक्ष्य रखा गया था, जबकि 1.94 लाख हेक्टेयर में योजना का क्रियान्वयन हुआ। वहीं, बिरसा हरित ग्राम योजना के तहत 20 हजार एकड़ की तुलना में 26 हजार एकड़, वीर शहीद पोटो हो खेल विकास योजना के तरह एक हजार मैदान विकसित करने के लक्ष्य के विरुद्ध1881 खेल मैदान बनाए जा चुके हैं। वहीं दीदी बाड़ी योजना के तहत पांच लाख पोषण वाटिका बनाने का लक्ष्य रखा गया है।
सचिव द्वारा निम्न दिशा-निर्देश भी दिये गए
- ग्रामीण विकास विभाग की योजनाओं का सभी जिलों में IEC Activity हो।
- मनरेगा के तहत वित्तीय वर्ष 2022-23 में मजदूरी भुगतान के लिए 2223.82 करोड़, सामग्री एवं प्रशासनिक मद में व्यय के लिए 715.33 करोड़ राशि दी गई है.
- मनरेगा में वित्तीय वर्ष 2022 -23 में 900 लाख मानव दिवस सृजित करने का लक्ष्य निर्धारित था, जिसके विरूद्ध राज्य ने 915.42 लाख मानव दिवस सृजित किया।
- मनरेगा के तहत सृजित किए गए मानव दिवस में 47.53 प्रतिशत महिलाओं की भागीदारी रही है।
- राज्य सरकार द्वारा संचालित बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर आवास योजना के तहत 47855 आवास निर्माण का लक्ष्य है. इनमें से 39836 आवास का निर्माण कार्य पूर्ण हो चुका है, जो कि लक्ष्य का 83 प्रतिशत है।
बैठक में संयुक्त सचिव श्रीमती शैलप्रभा कुजूर, संयुक्त सचिव श्री अरूण कुमार सिंह, संयुक्त सचिव श्री जितेंद्र कुमार देव , अवर सचिव श्री अरुण कुमार सिन्हा समेत विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।
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