न्यूज़ डेस्क -समाचार प्लस , झारखंड -बिहार
Jharkhand Nigam Board रांची: झारखंड में बोर्ड – निगम या आयोग के बंटवारे का इंतजार प्रदेश से लेकर जिला तक के प्रमुख नेताओं और कार्यकर्ताओं को सालों से रहा है. जिसको लेकर राज्य में निगम, बोर्ड और आयोग में खाली पड़े पद को लेकर गठबंधन सरकार में शामिल कांग्रेस और यहाँ तक की विपक्ष भी सरकार पर निशाना साधती रही है. इस पर अब तक निर्णय नहीं होना कहीं ना कहीं सत्तारूढ़ दल के अंदर एकमत का अभाव माना जाता रहा है. चूंकि अब बोर्ड – निगम के गठन के लिए मुख्यमंत्री के समक्ष कांग्रेस और राजद के द्वारा सूची सौंपी जा चुकी है. ऐसे में झारखंड कांग्रेस में बोर्ड निगम की कुर्सी पर बैठने के लिए होड़ मच गई है.
18 पदों पर झामुमो और कांग्रेस के नेताओं की नजर
झारखंड में बोर्ड – निगम (Jharkhand Nigam Board) या आयोग के 18 पदों पर झामुमो और कांग्रेस के नेताओं की नजर है. कांग्रेस और जेएमएम के कई नेता बोर्ड निगम में जगह बनाने की जुगत में लग गए हैं और इसके लिए अपने अपने नेतृत्व पर दबाव भी बनाने का काम शुरू कर दिया है. कांग्रेस के नेताओं के बीच बोर्ड- निगम के गठन को लेकर चर्चा जोरों पर है. जानकारी के मुताबिक कांग्रेस की ओर से 11 लोगों के नाम मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के पास बोर्ड -निगम में शामिल करने के लिए भेजा गया है. सीएम के पास जो सूची भेजी गई है उसमें शमशेर आलम, रमा खलखो, राजीव रंजन प्रसाद, शशि भूषण राय, केशव महतो कमलेश, संजय लाल पासवान, जयशंकर पाठक, रविन्द्र सिंह, श्यामल किशोर सिंह, अशोक चौधरी के नाम हैं.
कांग्रेस के अन्दर उभर रहा असंतोष
वहीँ कांग्रेस नेता का कहना है कि बोर्ड निगम के गठन (Jharkhand Nigam Board) में बिना रायशुमारी के दूसरे दलों से आये हुए लोगों को मौका देने की कोशिश हो रही है. जमीनी स्तर के कांग्रेसी कार्यकर्ताओं का कहना है कि बोर्ड निगम में जो अयोग्य हैं, उनको जगह देने की बात हो रही है. उनका कहना है कि जो नाम भेजे गए हैं उनमे आधे से ज्यादा पुराने कांग्रेसी हैं और कुछ 2008 के बाद कांग्रेस में आए हैं. कांग्रेस नेताओं का यह भी कहना है कि चाटुकारिता करने वालों को बोर्ड- निगम में जगह दी जा रही है. ऐसे नेता पार्टी के बड़े नेताओं के चाटुकार और करीबी हैं. ऐसे में यदि पार्टी के भीतर योग्य लोगों की अनदेखी की जाती है, तो बोर्ड निगम के गठन के बाद पार्टी के भीतर का कलह उभर कर सामने आना तय है.
झामुमो, कांग्रेस की होगी भागीदारी
इसके लिए सरकार में शामिल गठबंधन दलों के बीच एक फार्मूला तय हो गया है , जिसके तहत झामुमो, कांग्रेस की भागीदारी होगी. राजद इसमें शामिल नहीं है. हालांकि गठबंधन सरकार में तीनों दल शामिल हैं. तीनों दलों की क्षमता के मुताबिक ही इन पदों पर उनकी हिस्सेदारी तय होनी चाहिए थी. इसके लिए विभिन्न स्तरों पर दबाव भी है. बोर्ड- निगम के लिए कुल 18 सीट हैं, जिसमें कांग्रेस कोटे से आठ और झामुमो कोटे से 10 लोग भरे जाएंगे. अब मुख्यमंत्री इस पर अंतिम निर्णय लेंगे. झामुमो के भीतर उहापोह बनी हुई है जिससे नाम तय करने को लेकर देरी हो रही है. उम्मीद जताई जा रही है कि मई माह के शुरुआत में बोर्ड -आयोग का गठन हो जाएगा.चूंकि राज्य में अगले साल विधानसभा और लोकभा चुनाव होने हैं , इससे लोकसभा और विधानसभा चुनाव हारे नेता और मंत्री पद की रेस में पीछे रह जाने वाले झामुमो और कांग्रेस के विधायकों को इसमें शामिल कर उन्हें खुश किया जा पाएगा या नहीं, यह निर्णय अंतिम रूप से सीएम हेमंत सोरेन के द्वारा लिया जाना है.
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