wholesale food business: झारखंड में आज यानी 8 फरवरी को खाद्यान्न (food grains), राइस और फ्लावर मिल के कारोबारी अपना कारोबार बंद रखेंगे. (Wholesale Market Closed) व्यापारियों ने कृषि बाजार पर 2 फीसदी शुल्क वसूलने (Oppose to agricultural market fee) की सरकार की तैयारी के खिलाफ यह फैसला लिया है. झारखंड चेंबर ऑफ कॉमर्स (Jharkhand Chamber of Commerce) के मुताबिक झारखंड राज्य कृषि उत्पादन और पशुधन विपणन विधेयक 2022 के जरिए सरकार कृषि बाजार शुल्क वसूलना चाह रही है. जबकि साल 2015 में ही कृषि बाजार शुल्क की व्यवस्था को हटा दिया गया था. इसकी वजह से 73 से ज्यादा राइस मिलें खुलीं. अगर बाजार शुल्क वसूला जाएगा तो ट्रेडर्स और उपभोक्ताओं को महंगाई की मार झेलनी पड़ेगी.
इसके विरोध में आज राज्य की सभी थोक खाद्यान्न मंडियां बंद रहेंगी. चेंबर ऑफ कॉमर्स के मुताबिक एक दिन की बंदी से करीब 90 से 100 करोड़ का कारोबार प्रभावित होगा.
बंदी के साथ-साथ झारखंड चेंबर ने बुधवार को राज्यस्तरीय सम्मेलन का आयोजन मोरहाबादी मैदान स्थित संगम गार्डेन में किया है. इसमें रांची के साथ-साथ प्रदेश भर के खाद्यान्न व्यापारी शामिल होंगे. इसके लिए तैयारी पूरी हो गयी है. झारखंड चेंबर के अध्यक्ष किशोर मंत्री ने कहा कि सम्मेलन में पूरे प्रदेश भर के व्यापारी जुटेंगे. इसमें आगे की रणनीति तय होगी. कृषि बाजार शुल्क काला कानून है. बाजार शुल्क लगने से झारखंड का व्यापार पूरी तरह से प्रभावित होगा. पड़ोसी राज्यों में व्यापार शिफ्ट होगा. खाद्यान्न वस्तुएं महंगी हो जायेगी. जिसका सीधा असर व्यापार पर पड़ेगा. इसका सीधा नुकसान सरकार को भी राजस्व में रूप में होगा.
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