Jharkhand News: सर्दी की छुट्टियों के बाद राज्य में अब सभी स्कूल खुल गए हैं। स्कूल खुलने के साथ ही झारखंड के स्कूल शिक्षकों को शिक्षा सचिव के द्वारा कुछ टास्क दिए गए और साथ ही कुछ पाबंदियां भी लगाई गई। शिक्षा सचिव के रवि कुमार ने शिक्षकों को क्लास रूम में मोबाइल ले जाने पर पाबंदी लगा दी है.अब शिक्षक प्रधानाध्यापक के पास या फिर स्टाफ रूम में अपने लॉकर में मोबाइल बंद कर कक्षा में जाएंगे। शिक्षा सचिव के द्वारा स्कूली शिक्षा से संबंधित विस्तृत गाइडलाइन जारी किया गया है।
बायोमेट्रिक हाजिरी होगी जरुरी
सरकारी स्कूल के शिक्षकों और पारा शिक्षकों को 2 जनवरी से बायोमेट्रिक हाजिरी अनिवार्य कर दिया गया है। बायोमेट्रिक हाजिरी के आधार पर ही उनका जनवरी से वेतन और मानदेय का भुगतान हो सकेगा। अगर शिक्षक बायोमेट्रिक हाजिरी नहीं बनाते हैं तो उन्हें अनुपस्थित बताते हुए उनके वेतन मानदेय भुगतान पर रोक लगा दी जाएगी साथ ही उन पर कार्रवाई की जाएगी।
20 मार्च तक तीसरी कक्षा के सभी बच्चों को हर हाल में पढ़ना आना चाहिए : शिक्षा सचिव
शिक्षा सचिव के रवि कुमार झारखंड के शिक्षा व्यवस्था में सुधार कर रहे है। उन्होंने शिक्षकों को कुछ कड़े निर्देश दिए हैं। शिक्षा सचिव की ओर से जारी निर्देश में 20 मार्च 2023 तक तीसरी के सभी बच्चों को हर हाल में पढ़ना आना चाहिए। शिक्षक सुनिश्चित करेंगे कि हर बच्चा रीडिंग में दक्ष हो। स्कूलों के नियमित मॉनिटरिंग की जाए। शिक्षक नियमित रूप से विद्यालय में उपस्थित रहे और अधिकांश समय बच्चों के पठन-पाठन में लगाएं।
शिक्षकों को मिले कुछ व्यक्तिगत निर्देश
शिक्षा सचिव ने शिक्षकों को कुछ निजी सलाह भी दिए हैं। उन्होंने कहा- शिक्षकों को अपने कर्तव्य और जीवन में टाइम मैनेजमेंट करना बहुत जरुरी है। उन्हें अपने काम के अनुसार अच्छे पोशाक पहनने स्कूल के साथ-साथ पारिवारिक जिम्मेदारियों को निभाने का निर्देश दिया गया है। शिक्षक अपने वेतन का खर्च योजनाबद्ध तरीके से करें ताकि बचत और आर्थिक कठिनाई ना हो।
अन्य निर्देश
बच्चों को पुस्तकालय से पुस्तक दी जाए 3:00 बजे छुट्टी के बाद बच्चों के लिए खेल की घंटी बजाए जाए।
ई विद्या वाहिनी में जनवरी 2023 से मिड डे मील की रिपोर्ट कराई जाए। ई विद्या वाहिनी पोर्टल से रिटायर, मृत शिक्षकों के नाम हटाया जाए।
स्मार्ट क्लास में एलसीडी या टीवी को ब्लैकबोर्ड के ऊपर नहीं लगाया जाए।
शिक्षकों को यह भी निर्देश दिया गया है कि सेवानिवृत्त होने वाले शिक्षक का 6 महीना पहले ही पेंशन पेपर भर दें ताकि सेवानिवृत्ति के दिन ही सारे दावों का निपटारा किया जा सके।
स्कूल अवधि में कोई भी बच्चा बाहर नहीं जाए। बाल विवाह के बारे में बच्चों को जागरूक किया जाए इसके कानूनी पक्ष की जानकारी सजा इत्यादि के बारे में भी जागरूक किया जाए।
सरकारी स्कूल में बच्चो के उपर प्रतिवर्ष लाख रुपए खर्च हो रहे हैं इसलिए इन बच्चों की पढ़ाई पर विशेष ध्यान दिया जाए।
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