न्यूज डेस्क/ समाचार प्लस –झारखंड-बिहार
सीबीआई कोर्ट में झारखंड के पांच कोषागारों से अवैध निकासी के चारा घोटालों में से सबसे बड़े डोरंडा कोषागार से अवैध निकासी घोटाले की सुनवाई पूरी हो चुकी है। अब बारी सजा सुनाये जाने की है। सजा कल यानी 15 फरवरी को सुनायी जायेगी। सशरीर उपस्थिति के आदेश के बाद लालू भी 13 फरवरी को रांची पहुंच चुके हैं। लालू पर आज की रात भारी है। दूसरी तरह सभी के मन में यह जिज्ञासा है कि आखिर कोर्ट लालू को क्या सजा सुनायेगा। उन्हें सजा मिलेगी या वह बेल पर छूट जायेंगे। अगर सजा होती है तो कितने समय की सजा उन्हें मिलेगी। बता दे,चारा घोटाले के अन्य चार मामलों में कोर्ट पहले ही लालू प्रसाद यादव को सजा दे चुका है।
चारा घोटाला अविभाजित बिहार के समय का सबसे चर्चित मामला है, लेकिन अदालत की सीढ़ियों पर तक यह मामला 1996 में पहुंचा था। तत्कालीन बिहार के डोरंडा थाने में 17 फरवरी, 1996 को पहली प्राथमिकी दर्ज हुई थी। पटना हाईकोर्ट के आदेश पर डोरंडा थाने में कांड संख्या 60/96 दर्ज हुई इसके बाद सीबीआई ने 16 अप्रैल, 1996 को इस केस को टेकओवर किया। सीबीआई ने कुल 170 लोगों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी। सीबीआई की विशेष कोर्ट ने 8 फरवरी 2001 को इस मामले में संज्ञान लिया था। जिसके बाद CBI ने डोरंडा कोषागार से जुड़े इस मामले में 3 चार्जशीट अदालत में दाखिल की।
सीबीआई के 575 गवाह और 14 बक्से दस्तावेज के मुकाबले लालू के 7 गवाह
सीबीआई ने केस दर्ज करने के बाद कोर्ट में 14 बक्से दस्तावेजों के साथ 575 गवाह प्रस्तुत किये थे। बचाव पक्ष को बेगुनाह साबित करने के लिए 25 गवाह कोर्ट में प्रस्तुत किये गये थे। वहीं, केस के प्रमुख अभियुक्त लालू यादव ने अपने बचाव में 7 गवाह कोर्ट में हाजिर किये।
139.35 करोड़ रुपये की अवैध निकासी में कौन-कौन शामिल?
कल सीबीआई कोर्ट लालू समेत 4 पॉलिटिशियन, 1 ब्यूरोक्रेट, 1 इनकम टैक्स अधिकारी, 29 डॉक्टर, 53 सप्लायर और 7 ट्रेजरी अधिकारियों पर फैसला सुनाने वाला है। डोरंडा कोषागार से 139.35 करोड़ रुपये की अवैध निकासी में मामले में लालू यादव समेत 170 को आरोपी बनाया गया था। 25 वर्ष से ज्यादा पुराने मामले में 55 आरोपियों की मृत्यु हो चुकी है, वहीं 8 आरोपी सरकारी गवाह बन गये। 6 आरोपी अभी भी सीबीआई की गिरफ्त से बाहर हैं और 2 ने अपना दोष स्वीकार कर लिया है।
किन-किन कोषागारों से हुई अवैध निकासी?
चारा घोटाले में 139.35 करोड़ रुपए की अवैध निकासी की गयी थी। चारा घोटाले में रांची के डोरंडा कोषागार के अलावा अन्य चार कोषागारों से भी अवैध निकासी की गयी। इनमें से दो मामले चाईबासा कोषागार से संबंधित हैं। एक मामला दुमका कोषागार से संबंधित रहा। जबकि एक मामला देवघर कोषागार से जुड़ा है। चाईबासा कोषागार, दुमका कोषागार और देवघर कोषागार मामलों में लालू प्रसाद यादव को कुल 27 वर्षों की सजा कोर्ट ने दी है।
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