जानें 302 में क्या मिलती है सजा
न्यूज डेस्क/ समाचार प्लस – झारखंड-बिहार
धनबाद कोर्ट के जज की जिस दिन हत्या की गयी थी, उसके एक साल पूरे होने पर उसी तारीख को उनके हत्यारों को कोर्ट ने दोषी करार दे दिया। अब उनके किये की सजा का ऐलान बाकी है। वह भी 6 अगस्त को हो जायेगा। स्पीडी ट्रायल में पांच महीने में कोर्ट ने अपना फैसला आज सुना दिया और जज उत्तम आनंद के हत्यारों लखन वर्मा और राहुल वर्मा को दोषी करार दे दिया है। कोर्ट ने धारा 302 और 201 के तहत दोषी करार दिया है। इसका मतलब दोषियों को तगड़ी सजा मिलने वाली है।
धनबाद के सीबीआई के विशेष न्यायाधीश रजनीकांत पाठक की अदालत ने स्पीडी ट्रायल में आरोपियों को दोषी ठहराया गया। पांच महीने चले ट्रायल में सीबीआई की क्राइम ब्रांच के स्पेशल पीपी अमित जिंदल ने आरोप पत्र के कुल 169 गवाहों ने नाम दिये थे जिनमें से 58 गवाहों का बयान दर्ज किये गये। अदालत ने सुनवाई पूरी करने के बाद 28 जुलाई यानी जिस दिन जज उत्तम आनंद की हत्या की गयी थी उसी तारीख फैसला देना निर्धारित किया था।
केस के ट्रायल में सीबीआई ने दावा किया है कि आरोपित लखन वर्मा एवं राहुल वर्मा ने जानबूझकर जज साहब को टक्कर मारी जिससे उनकी मौत हो गयी। गौरतलब है कि जज उत्तम आनंद 28 जुलाई, 2021 को घर से मॉर्निंग वॉक के लिए निकले थे। धनबाद के रणधीर वर्मा चौक पर इसी दौरान एक ऑटो ने उन्हें टक्कर मारी जिससे अस्पताल ले जाने के क्रम में उनकी मौत हो गयी थी।
धारा 302 में क्या हो सकती है सजा?
भारतीय दंड संहिता की धारा 302 के अनुसार, जो भी कोई किसी व्यक्ति की हत्या करता है, तो उसे मृत्यु दंड या आजीवन कारावास और साथ ही आर्थिक दंड से दंडित किया जाएगा। यह एक गैर-जमानती, संज्ञेय अपराध है और सत्र न्यायालय द्वारा विचारणीय है।
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