न्यूज डेस्क/ समाचार प्लस – झारखंड-बिहार
जामताड़ा विधायक डॉ. इरफान अंसारी भी सम्मेद शिखर को पर्यटन स्थल बनाये जाने के विरोध में हैं। उन्होंने एक ट्वीट कर और 21 दिसम्बर, 2022 की प्रेस विज्ञप्ति शेयर की जिसमें उनकी भावनाएं व्यक्त हो रही हैं। उन्होंने अपनी प्रेस विज्ञप्ति में लिखा था कि गिरिडीह जिले का पारसनाथ पर्वत जैन समुदाय के लिए सबसे महत्वपूर्ण तीर्थ स्थलों में से एक है। जहां 20 जैन तीर्थंकरों ने मोक्ष प्राप्त किया है। यह स्थान काफी पवित्र है। पिछले दिनों सरकार ने इस क्षेत्र को पर्यटन स्थल घोषित किया है जिससे जैन समाज की भावनाएं आहत हुई हैं। पर्यटन स्थल घोषित होने से यहां की पवित्रता भंग हो जायेगी। लोग धार्मिक भावना के बजाय घूमने-फिरने, मौज-मस्ती के लिए यहां आयेंगे। अनेतिक गतिविधियां बढ़ेंगी, शराब मांसाहार बढ़ेगा जो जैन समाज को स्वीकार नहीं है।
21 दिसम्बर, 2022 की विज्ञप्ति में उन्होंने यह भी लिखा- अतः मैं सदन के माध्यम से सरकार से मांग करूंगा कि इस क्षेत्र को पर्यटन क्षेत्र घोषित करने का निर्णय वापस ले और इस तीर्थ को अहिंसक शाकाहार, पवित्र जैन तीर्थ घोषित किया जाये।
डॉ. इरफान अंसारी ने अपने ट्वीट में लिखा- मैं 21.12.2022 को झारखंड विधानसभा में #शिखरजी का मुद्दा उठाने वालों में सबसे पहले लोगों में से एक था और उनसे मांग की थी @JharkhandCMO शिखरजी की पर्यटक स्थिति को हटाने और इसे धार्मिक स्थल घोषित करने के लिए #shikharjibachao #JainCommunityProtest
I was one of the first to raise the issue of #Shikharji on 21.12.2022 in Jharkhand Assembly and demanded from @JharkhandCMO to remove the tourist status of #Shikharji and declare it a religious place #shikharjibachao #JainCommunityProtest pic.twitter.com/sOhZ23Tuj7
— Dr. Irfan Ansari (@IrfanAnsariMLA) January 5, 2023
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