न्यूज डेस्क/ समाचार प्लस – झारखंड-बिहार
भाजपा की निलंबित प्रवक्ता नूपुर शर्मा की विवादित टिप्पणी से नाराज शुक्रवार प्रदर्शनकारियों के जुम्मे की नमाज के बाद मचाये गये बवाल के बाद दूसरे दिन शनिवार को राजधानी रांची में सन्नाटा पसर गया। शुक्रवार को पत्थरबाजों पर की गयी पुलिस कार्रवाई में दो लोगों की मौत हो गयी। शहर में धारा 144 लगाने के बाद पुलिस कल हुए उपद्रव के आरोपियों की पहचान करने में जुटी है ताकि उनकी गिरफ्तारी कर उन पर कार्रवाई की जा सके। रांची में फिलहाल इंटरनेट सेवा बंद कर दी गयी है। प्रशासन ने कहा है कि इंटनेट सेवाएं अगले आदेश तक बंद रहेंगी। इतनी बड़ी वारदात हो जाने के बाद 24 घंटे से ज्यादा गुजर चुके हैं, लेकिन अभी तक इस मामले में किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है। जबकि उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल में कई आरोपियों की पहचान कर गिरफ्तारी की जा चुकी है। उन पर कार्रवाई भी जा रही है। कल की हिंसा के बाद हावड़ा के पुलिस कमीश्नर और ग्रामीण एसपी को हटाये भी गये हैं।
प्रशासन द्वारा रांची के 12 इलाकों में निषेधाज्ञा लागू कर दी गयी है। इस कारण पूरे शहर में एक तरह से सन्नाटा पसर गया है। छिटपुट गाड़ियों को छोड़कर शहर में आवागमन बाधित है। रांची के वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी सड़कों पर स्थिति को नियंत्रित करने में व्यस्त है। वे लोगों से शांति बनाये रखने की अपील कर रहे हैं तथा लोगों को संयम बरतने को भी कह रहे हैं। वे बार-बार अपील कर रहे हैं कि वे अफवाहों पर ध्यान न दें और भड़काऊं बयान न दें और ना ही वायरल करें। सतही तौर पर देखने पर स्थिति नियंत्रण में है। रांची के अलावा रामगढ़, हजारीबाग, लोहरदगा, सिमडेगा समेत कई जिलों को हाई अलर्ट कर दिया गया है।
भले ही लोग प्रशासन पर यह आरोप लगा रहे हों कि उन्होंने समय पर उचित कार्रवाई नहीं की, लेकिन उन्होंने जिस धैर्य के साथ स्थिति को नियंत्रित करने का प्रयास किया, कहा जा सकता है, उन्होंने काफी सराहनीय कार्य किया। अन्यथा स्थिति और भी विस्फोटक हो सकती थी। लेकिन राजनीतिक बयानबाजियां स्थिति को सम्भालने के बजाय एक दूसरे पर आरोप लगाने वाली ज्यादा हैं।
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