न्यूज डेस्क/ समाचार प्लस – झारखंड-बिहार
एसेंचर, न्यू दिल्ली के सह निदेशक अभिषेक कुमार सिंह ने वर्तमान समय में आधुनिक तकनीकों पर विस्तार से जानकारी देते हुए उसके महत्व पर भी विस्तृत चर्चा की। अभिषेक कुमार संगणक विज्ञान और अभियंत्रिकी विभाग के व्याख्यान कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में बोल रहे थे। अभिष कुमार ने मुख्य रूप से आज के दौर में आर्टिफिशियल इंजीनियरिंग (एआई), मशीन लर्निंग के बढ़ते प्रभाव और उनके अनुप्रयोगों के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि वह दिन दूर नहीं जब तकनीक के क्षेत्र में भी हिंदुस्तान का परचम पूरे विश्व में लहरायेगा। वैसे भी वर्तमान समय में पूरा विश्व भारतीय सॉफ्टवेयर इंजीनियर्स का लोहा मान रहा है। उन्होंने कहा कि विश्व की श्रेष्ठ 17 कंपनियों में भारतीयों का ही बोलबाला है।
इस व्याख्यान कार्यक्रम में बीटेक और एमटेक कंप्यूटर साइंस के विद्यार्थियों ने भी भविष्य की आईटी तकनीकों पर बहुत से प्रश्न पूछे तथा मार्गदर्शन प्राप्त किया। विभाग के शोधार्थियों ने विश्व पटल पर चल रहे नए शोध विषयों तथा नई तकनीकों पर कई प्रश्न पूछे।
अभिषेक कुमार सिंह ने शोधार्थियों की जिज्ञासा शांत करते हुए बताया शैक्षणिक संस्थानों को अपने पाठ्यक्रम में थ्योरी के साथ-साथ प्रैक्टिकल का उचित समावेश रखना होगा, तभी विद्यार्थी अपने आपको इंडस्ट्री के योग्य बना पाएंगे। ज्ञात हो कि अभिषेक कुमार सिंह, कंप्यूटर साइंस एंड इंजीनियरिंग विभाग के शैक्षणिक बोर्ड के मेंबर भी हैं। उन्होंने बीटेक, एमटेक और पीएच.डी कोर्स को बनाने में अपना महत्वपूर्ण योगदान भी दिया है। अभिषेक कुमार सिंह ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के बढ़ते प्रभाव तथा अनुप्रयोगों के बारे में विस्तृत जानकारी दी तथा इससे जुड़ी अन्य तकनीकों, जैसे- चैटबॉट, चैटजीपीटी, लैम्डा पर विस्तृत चर्चा की।
इस मौके पर विभागाध्यक्ष प्रोफेसर सुभाष चंद्र यादव ने कहा कि वह विभाग में शैक्षणिक और व्यावसायिक समन्वय स्थापित करने की कोशिश कर रहे हैं, जिससे कि बच्चों को ‘इंडस्ट्री रेडी’ बनाया जा सके और अधिक से अधिक विद्यार्थियों को मल्टीनेशनल तथा नेशनल कंपनियों में प्लेसमेंट दिलाया जा सके। प्रोफेसर यादव ने कहा कि अन्य नामचीन सॉफ्टवेयर तथा हार्डवेयर और आईटी इनेबल्ड तथा अन्य सॉफ्टवेयर की कंपनियों से संपर्क में है।
व्याख्यान में स्वागत भाषण विभागाध्यक्ष प्रोफेसर सुभाष चंद्र यादव ने किया, जबकि मंच संचालन डॉक्टर सिंधूबेन बाबूलाल ने किया। व्याख्यान के दौरान विभाग के समस्त शिक्षक गण, डॉ अजय सिंह, डॉ प्रशांत प्रसून तथा डॉ पुष्पेंद्र कुमार विशेष रूप से उपस्थित थे।
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