न्यूज डेस्क/समाचार प्लस – झारखंड-बिहार
शनिवार को जीएसटी काउंसिल की 48वीं बैठक हुई। इस बैठक में एक राहत की बात यह रही कि किसी भी वस्तु पर जीएसटी का कोई भार नहीं दिया गया। लेकिन इसी बैठक में झारखंड ने केन्द्र सरकार से अपने बकाये का बोझ उतारने को जरूर कहा। झारखंड ने केंद्र से अपने 1268 करोड़ रुपये बकाये की मांग की है ताकि राज्य की लंबित योजनाओं का सुचारू कार्यान्वयन हो सके। जीएसटी काउंसिल की बैठक में झारखंड के वित्तमंत्री डॉ रामेश्वर उरांव ने कंपनसेशन मद के बकाये के भुगतान की मांग रखी। वित्तमंत्री रामेश्वर उरांव ने बैठक में वर्चुअल हिस्सा लिया था। जीएसटी की यह बैठक केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के नेतृत्व में हुई थी।
झारखंड का कहना है कि वित्तीय वर्ष 2022-23 के जून तक का कंपनसेशन उसे नहीं मिला है जो कि 1268.94 करोड़ रुपये है। केंद्र बकाया राशि का भुगतान जल्द से जल्द करे ताकि राज्य सरकार अपनी योजनाओं का क्रियान्वयन कर सके। झारखंड के वित्तमंत्री ने कहा कि टेक्सटाईल और रेडिमेड पर मल्टिपल टैक्स रेट होने से टैक्स मैनेजमेंट में परेशानी हो रही है। झारखंड ने कहा कि जीएसटी के मामलों में अपीलीय कोर्ट के बाद सीधे हाई कोर्ट में रिट दायर हो रहे हैं इसलिए जल्द ट्रिब्यूनल का गठन किया जाए।
जीएसटी की बैठक में उपभोक्ताओं को राहत
बता दें, जीएसटी काउंसिल की शनिवार को हुई बैठक में आम लोगों को केन्द्र सरकार ने राहत दी है। केन्द्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि जीएसटी परिषद की बैठक में किसी भी वस्तु पर कोई कर वृद्धि नहीं की गई है। पान मसाला और गुटखा उत्पादों पर टैक्स बढ़ाने को लेकर भी कोई फैसला नहीं हो पाया है।
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