चेक नाका पर व्यावसायिक वाहनों की जांच हो – डीसी रामनिवास
झारखंड से प्रीतम पांडेय की रिपोर्ट/ समाचार प्लस – झारखंड-बिहार
उपायुक्त रामनिवास यादव ने सोमवार को जिला स्तरीय खनन टास्क फोर्स की बैठक समाहरणालय सभागार कक्ष में आयोजित की। उपायुक्त ने पदाधिकारियों से कहा कि जिला में चल रहे अवैध खनन की जांच कर उसे बंद करें तथा संबंधित व्यक्तियों के खिलाफ थाना में केस दर्ज करें। उपायुक्त ने कहा कि वित्तीय वर्ष 2022 -23 मे अब तक 13 करोड़ 39 लाख रुपए की राजस्व प्राप्ति जिले को हुई है। उनके अनुसार जिले में वैधानिक रूप से 133 खनन क्षेत्र पट्टे पर चल रहे हैं वही 238 लाइसेंस प्राप्त क्रेशर मशीन है साथ ही 01 चाइना क्ले स्टोरेज राजमहल में अवस्थित है। उपायुक्त ने कहा कि जिले के अंतर्गत वाहय राज्यों को जाने वाले सभी मार्गों में चेक नाका पर व्यवसायिक वाहनों का नियमित जांच करें। साथ ही सभी चेकनाका पर व्यावसायिक वाहनों के चालान की जांच करें एवं गलत पाए जाने पर त्वरित कार्रवाई करें। उपायुक्त ने अवैध विस्फोटक की जांच करते हुए अवैध खनन करने वाले व्यक्तियों को भी चिह्नित कर कार्रवाई करने का आदेश दिया। बैठक में पुलिस अधीक्षक अनुरंजन किस्पोट्टा , वन प्रमंडल पदाधिकारी मनीष तिवारी, अपर समाहर्ता विनय कुमार मिश्र, अनुमंडल पदाधिकारी साहेबगंज राहुल जी आनंद जी, अनुमंडल पदाधिकारी राजमहल रोशन कुमार साह, अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी के साथ-साथ सभी अंचलाधिकारी एवं अन्य उपस्थित थे
सीएम के विस क्षेत्र में नहीं है जिला खनन टास्क फोर्स का कोई जोर
पतना, बरहेट अंचल क्षेत्र के अवैध तरीके से पत्थर उत्खनन और परिवहन कर सरकार को राजस्व का नुकसान पहुंचाने की लगातार शिकायत मिल रही है, बल्कि ऐसे मामलों को स्थानीय अखबारों में प्रमुखता से प्रकाशित भी किया जा रहा है। उसके बाद भी खनन टॉस्क फोर्स सीएम के विस क्षेत्र को छोड़ कार्रवाई का तानाबाना बुन रही है। जिला खनन टास्क फोर्स द्वारा समय-समय पर छापामारी एवं पत्थर माफियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने के बावजूद पत्थरों का अवैध उत्खनन और परिवहन पर अंकुश लगता नहीं दिख रहा। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक पत्थर माफियाओं द्वारा छापेमारी में शामिल जिला टास्क फोर्स के सदस्यों को जनप्रतिनिधियों एवं सत्ता पक्ष का हवाला देकर धमकाया और चमकाया भी जा रहा था। जिला टास्क फोर्स की बैठक में डीसी और एसपी द्वारा अवैध पत्थरों के उत्खनन पर प्रभावी तरीके से रोक लगाये जाने को लेकर दिये गये निर्देश के बाद, खासकर वैध रूप से पत्थरों का कारोबार करने वाले कारोबारियों में यह आशा जगी है कि अब निश्चित रूप से कुछ सख्त कदम प्रशासन उठायेगा और वे अपना कारोबार करते हुए सरकार को राजस्व भी दे पायेंगे।
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