Jharkhand High Court: रिम्स में ट्यूटर के पोस्ट को तीन साल की अवधि के लिए निर्धारित किये जाने के खिलाफ दायर याचिका पर हाई कोर्ट में सुनवाई हुई। सुनवाई के बाद ट्यूटर के पोस्ट को निर्धारित किये जाने को लेकर कोर्ट ने झारखंड डेंटल काउंसिल से जवाब तलब किया है। कोर्ट मामले की अगली सुनवाई 15 जून को करेगा।
क्या है याचिकाकर्ता धर्मेंद सिंह की दलील?
रिम्स में ट्यूटर तीन साल की पोस्टिंग के डॉ धर्मेंद्र सिन्हा एवं अन्य ने याचिका दायर की थी। याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता शुभाशीष रसिक सोरेन एवं अभय प्रकाश ने दलीलें दीं। याचिकाकर्ता पक्ष का कहना है कि रिम्स का कानून कहता है कि जिस विभाग में देश में काउंसिल होती है वहां ट्यूटर के पोस्ट की समय सीमा निर्धारित नहीं रहती है। जबकि रिम्स में ट्यूटर पद के लिए तीन साल के लिए निर्धारित किया गया है। इसलिए रिम्स में ट्यूटर पद को तीन साल के लिए निर्धारित किया जाना गलत है।
क्या है याचिकाकर्ता रेखा शर्मा व अन्य की दलील?
इसी मामले में रेखा शर्मा एवं अन्य की ओर से भी याचिका दाखिल की गई है। बता दें, रेखा शर्मा रिम्स में ट्यूटर के पद कर हैं। उनका कहना है कि रिम्स में उनकी नियुक्ति ट्यूटर पद पर हुई थी, लेकिन इस पद के लिए कोई समय सीमा नहीं थी। बाद में रिम्स ने नियम बनाकर ट्विटर पद के लिए तीन साल की अवधि निर्धारित की है। याचिकाकर्ता ने यह भी स्पष्ट किया था कि जिस विज्ञापन के आधार पर उनकी नियुक्ति हुई है उसमें ट्यूटर पद के लिए समय सीमा नहीं दी गयी थी।
न्यूज डेस्क/ समाचार प्लस – झारखंड-बिहार
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