देवघर जिला में झारखंड सरकार का 1932 खतियानी जोहार यात्रा कार्यक्रम के अयोजित हुआ।जहां सीएम हेमंत सोरेन (CM Hemant Soren) ने जेएसएससी (jssc) नियुक्ति नियमावली (Recruitment Rules) को रद्द किए जाने के झारखंड हाई कोर्ट के फैसले को राज्य सरकार कानूनी सलाह लेने के बाद ऊपरी अदालत मे चुनौती देने की बात कही है। खतियानी जोहार यात्रा (khatiyani johar yatra) के दौरान देवघर (deoghar) में जनसभा को सम्बोधित करते वक्त छात्रों के एक समूह ने मुख्यमंत्री (CM Hemant Soren) से नियमावली को हर हाल मे लागू करने की मांग कर रहे थे। भाषण के बीच ज़ब छात्रों की आवाज़ मुख्यमंत्री तक पहुंची तो उन्होंने झारखंड हाई कोर्ट (Jharkhand High Court) के फैसले का जिक्र करते हुए अन्य राज्यों का हवाला दिया।
नियमावली लागू करवाने की मांग को लेकर नारेबाजी करने लगे छात्र
उन्होंने कहा कि बाकी राज्यों ने भी 10वीं और 12वीं पास छात्रों के लिए अपनी नियमावली बनाई है। लेकिन, ये इस राज्य का दुर्भाग्य है कि ज़ब अपने राज्य की नौकरी के लिए यह नियमावली बनाई गई तो इसे रद्द कर दिया गया। जनसभा को सम्बोधित करते वक़्त छात्रों का एक समूह मुख्यमंत्री से नियमावली को लागू करवाने की मांग को लेकर नारेबाजी कर रहे थे। जिसे सुन सीएम ने उन्हें भरोसा दिलाते हुए कहा की वे क़ानून के जानकारों से परामर्श लेने के बाद अगला कदम ज़रूर उठाएंगे।
सीएम से मिलकर बात करना चाह रहे थे छात्र
वहीँ छात्र बार-बार सीएम से मिलकर उनसे बात करना चाह रहे थे। ज़ब मुख्यमंत्री मंच से नीचे उतरे तो फिर छात्रों ने अपनी बात सुनाई जिसपर दोबारा सीएम ने उन्हें भरोसा दिलाया।झारखंड उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश डॉ रवि रंजन और न्यायाधीश सुजीत नारायण की बेंच ने हेमंत सरकार की तरफ से नियुक्ति नियमावली में किए गए संशोधन को असंवैधानिक और गलत करार देते हुए रद्द कर दिया है। दरअसल नई नियमावली के तहत झारखंड से 10वीं और 12वीं पास अभ्यर्थी ही JSSC की परीक्षा मे शामिल हो सकते थे। इसके अलावा 14 स्थानीय भाषाओं में से हिंदी और अंग्रेजी को अलग कर दिया गया था। जबकि उर्दू बांग्ला और उड़िया समेत 12 अन्य भाषाओं को स्थानीय भाषाओं में शामिल किया गया था।.