न्यूज डेस्क/ समाचार प्लस – झाऱखंड-बिहार
JPSC परीक्षा परिणामों को लेकर हाई कोर्ट में सुनवाई चल रही है। सुनवाई परीक्षा में सफल अभ्यर्थियों की ओर से दायर की गयी है जिन्हें जाति-प्रमाण पत्र के आधार पर अयोग्य करार दे दिया है। ऐसी छह याचिकाएं हाई कोर्ट में दायर हैं। ये याचिकाएं 7वीं जेपीएससी से लेकर 10वीं जेपीएससी परीक्षा परिणामों को लेकर दायर की गयी है। मंगलवार को 7वीं जेपीएससी परीक्षा के अभ्यर्थी सूरज कुमार रजक और अन्य की ओर से दाखिल याचिका पर हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। सूरज कुमार रजक की ओर से अधिवक्ता सुभाशीष रसिक सोरेन ने पक्ष रखा। जबकि जेपीएससी की ओर से अधिवक्ता संजोय पिपरवाल और अधिवक्ता प्रिंस कुमार ने पक्ष रखे।
अपना पक्ष रखते हुए जेपीएससी की ओर से जो जवाब दाखिल किया गया, उस पर कोर्ट ने प्रार्थी से उसका प्रत्युत्तर (रिज्वाइंडर) मांगा है। इसके बाद कोर्ट ने इस केस की सुनवाई के लिए 14 जून की तिथि निर्धारित की है।
मामला 7वीं से लेकर 10वीं JPSC की परीक्षा से जुड़ा हुआ है। प्रार्थियों ने JPSC की अलग-अलग परीक्षाएं दी थी, सभी के अपनी केटेगरी में कट ऑफ से ज्यादा अंक मिले, लेकिन JPSC ने उनके जाति-प्रमाण-पत्र को विज्ञापन की शर्तों के अनुरूप नहीं नहीं मानते हुए उन्हें रद्द कर दिया। जिसकी वजह से किसी भी अभ्यर्थी का चयन नहीं हो सका।
यह भी पढ़ें: Jharkhand: अब किस केस में दीपक प्रकाश और समरी लाल पर हो गया आरोप गठन, इस केस में हैं कुल 16 आरोपी