झारखंड कर्मचारी चयन आयोग द्वारा ली जाने वाली परीक्षा में झारखंड से ही 10वीं और 12वीं पास की अनिवार्यता को समाप्त करने के लिए प्रार्थी रमेश हांसदा द्वारा दायर याचिका पर झारखंड हाई कोर्ट (Jharkhand High Court) से अहम फैसला आ गया है. झारखंड कर्मचारी चयन आयोग (JSSC) नियुक्ति नियमावली (Recruitment Rules) को चुनौती देने को लेकर दायर याचिका पर झारखंड हाई कोर्ट (Jharkhand High Court) ने अपना फैसला सुनाया है. अदालत ने यह माना कि हेमंत सरकार के द्वारा नियोजन नीति (JSSC Recruitment Rules) में किया गया संशोधन गलत और असंवैधानिक है, इसलिए इसे रद्द किया जाता है.
झारखंड के बाहर दसवीं और बारहवीं की पढ़ाई करने वाले होंगे पात्र
अदालत ने अपना फैसले में राज्य सरकार द्वारा वर्ष 2021 में पारित नियोजन नीति को रद्द कर दिया है. झारखंड हाईकोर्ट के तीन न्यायाधीशों की लार्जर बेंच (larger bench) ने यह फ़ैसला सुनाया है. हाईकोर्ट के आदेश के बाद अब झारखंड के बाहर दसवीं और बारहवीं की पढ़ाई करने वाले अभ्यर्थी भी JSSC और JPSC द्वारा ली जाने वाली नियुक्ति प्रतियोगिता में शामिल हो सकते हैं.
अदालत ने फैसला सुरक्षित रखा था
झारखंड कर्मचारी नियुक्ति नियमावली को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई पूरी करने के बाद सात सितंबर को अदालत ने फैसला सुरक्षित रखा था. याचिका दायर कर सरकार की नियुक्ति नियमावली 2021 को चुनौती दी गई थी. इसमें नियुक्ति नियमाली में संशोधन को गलत बताते हुए रद्द करने का आग्रह किया गया था.
ये भी पढ़ें : मुख्यमंत्री Hemant Soren ने बाबाधाम में टेका मत्था, मांगी राज्य की खुशहाली