न्यूज डेस्क/ समाचार प्लस – झारखंड-बिहार
द्रौपदी मुर्मू के एनडीए के राष्ट्रपति उम्मीदवार के रूप में शुक्रवार को अपना नामांकन कर दिया। एनडीए के दलों का जबर्दस्त समर्थन तो है ही विपक्ष से भी उन्हें लगातार समर्थन मिल रहा है। मुर्मू की उम्मीदवारी से झारखंड मुक्ति मोर्चा अभी पसोपेश में है। लेकिन उम्मीद यही की जा रही है कि अंततः झामुमो आजाद भारत में पहली बार खड़ी की गयी आदिवासी राष्ट्रपति उम्मीदवार को ही समर्थन देगा। दुविधा चाहे कैसी भी हो, मन में सवाल चाहे कितने भी हों, मगर सवाल यहां आदिवासी अस्मिता का है। आज ही नहीं, कल भी एक आदिवासी महिला को देश के सर्वोच्च पद पर आसीन देखना आदिवासी समुदाय के लिए गर्व का विषय होगा। हेमंत याद करें 9 अगस्त को मनाये जाने वाले ‘आदिवासी दिवस’ के स्लोगन को- ‘एक तीर एक कमान सब आदिवासी एक समान’।
याद होगा, झारखंड के आदिवासी मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने अमेरिका के हार्वर्ड विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित एक वेबिनार परिचर्चा में कहा था कि भारत के आदिवासी हिंदु नहीं हैं। झारखंड में 32 आदिवासी प्रजातियां हैं, जो अपनी भाषा, संस्कृति और रीति-रिवाजों को अस्तित्व में बनाए रखने के लिए संघर्षरत हैं। हालांकि उनके इस बयान के कुछ और अर्थ निकाले गये थे, लेकिन अंतिम अर्थ यही है कि हेमंत सोरेन को अपने आदिवासी होने पर गर्व है।
यह सच है कि यह निर्णय लेना हेमंत सोरेन के लिए सरल नहीं होगा। दुविधा तो उनके सामने तो है ही। दुविधा यह कि आखिर वह जायें तो किधर जायें। द्रौपदी मुर्मू को समर्थन नहीं देते हैं तो उनका आदिवासी समर्थक कहने का दावा झूठा होगा और समर्थन करते हैं तो यह गठबंधन धर्म के खिलाफ होगा। द्रौपदी मुर्मू को एनडीए द्वारा राष्ट्रपति उम्मीदवार घोषित कर दिये जाने के बाद जब समर्थन के बाबत उनसे प्रोजेक्ट भवन सचिवालय में सवाल पूछा गया तो उन्होंने इसे टालते हुए कहा कि पार्टी की बैठक में सभी नेता मिलकर इस पर निर्णय लेंगे। यह जवाब ही बताता है कि वह दुविधा में हैं।
लेकिन हेमंत सोरेन यह बात भी अच्छी तरह जानते हैं कि अगर आज वह एक आदिवासी उम्मीदवार को समर्थन नहीं देते हैं तो उसका दूरगामी राजनीतिक परिणाम क्या हो सकता है। झारखंड मुक्ति मोर्चा के राजनीतिक आधार में आदिवासी सबसे बड़ा समूह है। ऐसे में राजग प्रत्याशी द्रौपदी मुर्मू का समर्थन नहीं करने का निर्णय घाटे का सौदा साबित हो सकता है। इसे भाजपा मुद्दा भी बना सकती है।
द्रौपदी मुर्मू को समर्थन का मन बना रहा झामुमो!
संकेत मिल रहे हैं कि झामुमो सैद्धांतिक तौर पर द्रौपदी मुर्मू का समर्थन करने पर सहमत हो रहा है। खबर यह भी है कि जदएस भी एनडीए उम्मीदवार को समर्थन देगा। बस इसकी औपचारिक घोषणा बाकी है। जदएस के मुखिया एचडी देवगौड़ा ने पार्टी में शीर्ष स्तर पर मुर्मू को समर्थन करने के अपने फैसले से अवगत करा दिया है। दूसरी ओर झामुमो सूत्र भी इशारा कर रहे हैं कि पार्टी के स्तर पर मुर्मू को समर्थन देने का फैसला हो चुका है। बस इंतजार है, पार्टी द्वारा आधिकारिक घोषणा की।
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