न्यूज डेस्क/समाचार प्लस-झारखंड-बिहार
मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने शुक्रवार को टाना भगत इंडोर स्टेडियम, खेलगांव में आयोजित भव्य समारोह में 3,469 माध्यमिक शिक्षकों को नियुक्ति पत्र बांटा। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि हम राज्य के बच्चों को होनहार बनाने का संकल्प लेकर चले हैं। उसी संकल्प के साथ ही आज हमने इतनी बड़ी संख्या में अलग-अलग विषयों और भाषाओं के माध्यमिक शिक्षकों की बहाली की है। अब राज्य के माध्यमिक स्कूलों में जाकर ये शिक्षक राज्य और देश का भविष्य गढ़ने का काम करेंगे।
ताकि दूसरे राज्यों के बच्चों से पीछे नहीं रहें झारखंड के बच्चे
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने अपने सम्बोधन की शुरुआत में कहा कि बड़े संघर्षों से हमें झारखंड राज्य मिला है। इसमें न जाने कितने लोगों की शहादत शामिल हुई तब जाकर हमें झारखंड अलग राज्य मिला है। माननीय शिबू सोरेन के नेतृत्व में बड़े संघर्षों से मिले इस राज्य को गढ़ने का काम कर रहे हैं। झारखंड तो अलग हो गया, लेकिन आज भी यह पिछड़े राज्यों में शुमार है। लोग जब इसे मजदूरों का राज्य कहते हैं तो तकलीफ होती है। इसलिए हमने संकल्प लिया है कि राज्य की तकदीर और तस्वीर हम बदल कर रहेंगे। इसलिए जिस प्रकार एक मरीज के लिए एक डॉक्टर भगवान का रूप होता है, उसी प्रकार बच्चों के लिए एक शिक्षक भगवान का स्वरूप होता है। इसी को ध्यान में रखते हुए बड़ी संख्या में शिक्षकों की बहाली कर रहे हैं ताकि हमारे राज्य के बच्चे दूसरे राज्यों से पिछड़ न जाये। यह नियुक्ति नहीं, बल्कि एक जिम्मेदारी है। सरकार की भी है और शिक्षकों की भी है।
स्कूलों का स्वरूप बदलने का काम कर रहे
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के सम्बोधन से लगा कि वह राज्य की अब तक की शिक्षा व्यवस्था से भी संतुष्ट नहीं हैं। उन्होंने कहा कि राज्य के सरकारी स्कूलों की स्थिति बेहद ही खराब थी। यहां एक-एक कमरे में कई स्कूल चलते थे। सैकड़ों बच्चों पर एक शिक्षक होते थे। ऐसे में शिक्षा के स्तर को अच्छा कैसे बनाया जा सकता था? ऐसे स्कूलों से निकलने वाले बच्चे तो मजदूरी ही कर सकते हैं। लेकिन हमारी सरकार ने सरकारी स्कूलों की तस्वीर बदलने का काम किया है। स्कूलों का स्वरूप भी बदला है और शिक्षकों की बहाली भी की है।
राज्य में बड़ी संख्या में हमने नियुक्तियां कीं
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने राज्य में ठप नियुक्तियों का भी जिक्र किया है। उन्होंने कहा कि राज्य में वर्षों से नियुक्तियां नहीं हो रही हैं। जो कुछ नियुक्तियां हुई भी, वह भी अटकी हुई हैं। लेकिन हमने सरकारी विभागों में ही नहीं, बल्कि निजी क्षेत्र में भी बड़ी संख्या में लोगों को नौकरियां दिलाने का काम किया है। कई युवा तो राज्य के बाहर भी नौकरियां कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि हमने सिर्फ नौकरियां दिलाने का काम नहीं किया, बल्कि उनकी प्रगति पर भी हम लगातार नजर रख रहे हैं। हमारे सहयोग से कई युवा तो विदेशों में भी जाकर नौकरियां कर रहे हैं।