न्यूज डेस्क/ समाचार प्लस – झारखंड-बिहार
स्थानीय और नियोजन नीति पर झारखंड की हेमंत सरकार को एक के बाद एक झटके लगे हैं। हेमंत सरकार को पहले स्थानीय नीति पर राजभवन से झटका मिल चुका है और अब उसके ओबीसी आरक्षण को विस्तार दिये जाने को भी राजभवन से झटका दे दिया है। याद होगा झारखंड के पूर्व राज्यपाल रमेश बैस ने हेमंत सरकार का स्थानीयता विधेयक लौटाया था, और अब नये राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन ओबीसी आरक्षण में विस्तार करने वाले विधेयक को वापस लौटा दिया है। दोनों राज्यपालों ने संवैधानिक विवशता का हवाला देकर विधेयक लौटाये हैं।
राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन ने क्यों लौटाया ओबीसी आरक्षण विस्तार बिल? राज्यपाल सीपी राधाकृष्ण ने राज्य सरकार के ओबीसी आरक्षण में विस्तार करने वाले विधेयक को अटॉर्नी जनरल आर वेंकटरमणी की टिप्पणी का हवाला देते हुए वापस लौटाया है। राज्यपाल के अनुसार मौजूदा विधेयक सुप्रीम कोर्ट के आदेश का उल्लघंन है, क्योंकि सुप्रीम कोर्ट ने इंदिरा साहनी मामले में आरक्षण की सीमा को 50 फीसदी के अन्दर ही रखने का निर्देश दिया है, जबकि इस विधेयक में आरक्षण की सीमा को बढ़ाने का प्रस्ताव दिया गया था। बता दें, इससे पहले स्थानीय नीति संबंधी विधेयक तत्कालीन राज्यपाल ने इस टिप्पणी के साथ वापस लौटाया था कि राज्य विधानमंडल को नियोजन के संबंध में निर्णय लेने का अधिकार नहीं है।
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