न्यूज डेस्क/ समाचार प्लस – झारखंड-बिहार
पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने 2016 में राज्य स्थापना दिवस समारोहों में ‘कथित घोटालों’ पर जो स्पष्टीकरण दिया है, उस पर उनके धुर विरोधी विधायक सरयू राय की प्रतिक्रिया आ गयी है। रघुवर दास ने इस घपले से खुद का पाक-साफ बताते हुए कहा कि यह कोई मामला ही नहीं है, इस मामले की जांच के लिए जो समिति बनी थी, वह उन्हें क्लीन चिट दे चुकी है। भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रघुवर दास के इस स्पष्टीकरण की सरयू राय ने तीव्र भर्त्सना करते हुए उन पर सवालों की बौछार कर दी है। सरयू राय ने प्रेस बयान जारी कर कहा कि वह भुलावे में न रहें, उन्हें कोई क्लीन चिट नहीं मिली है।
सरयू राय ने कहा कि 2016 में राज्य स्थापना दिवस पर 5 लाख टॉफी और टी शर्ट खरीदने तथा जमशेदपुर और रांची में सुनिधि चौहान का कार्यक्रम आयोजित करने में सरकारी खजाना की लूट करने के आरोपों की जांच भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) से कराने की राज्य सरकार के निर्णय पर तत्कालीन मुख्यमंत्री रघुवर दास गलत बयान कर रहे हैं और भ्रम में हैं। वह कहते हैं इस मामले में उन्हें क्लीन चिट मिल चुकी है। वह खुद आधा सच बता रहे हैं और इसके लिए मुख्यमंत्री को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं और जांच को राजनीतिक रंग दे रहे हैं।
वस्तुत: इस टॉफी और टी शर्ट घोटाले की उच्चस्तरीय जांच कराने की अनुशंसा गत वर्ष मार्च 2021 में विधानसभा के बजट सत्र में सभा की अनागत प्रश्न क्रियान्वयन समिति ने सदन में प्रस्तुत अपने प्रथम अंतरिम जांच प्रतिवेदन में की थी। दिसंबर 2021 के शीत सत्र में सदन में प्रस्तुत दूसरे अंतरिम प्रतिवेदन में अनागत प्रश्न क्रियान्वयन समिति ने कहा था कि सरकार ने टॉफी, टी शर्ट की जांच के दौरान जो दस्तावेज समिति को उपलब्ध कराया है, वे फेंक यानी फर्जी हैं।
समिति की इस अनुशंसा के अतिरिक्त झारखंड विधान सभा के मानसून सत्र 2021 में एक प्रश्न के उत्तर में सरकार ने सदन को सूचित किया कि 2016 में राज्य स्थापना दिवस समारोह के दौरान सुनिधि चौहान के कार्यक्रम आयोजन में अनियमितता पाई गई है। सरकार जांच के लिए तैयार है। सदन निर्णय कर दे कि जांच एसीबी करे या सदन की समिति करे। सभा अध्यक्ष ने संसदीय प्रक्रिया के अनुरूप सरकार को सूचित किया कि इसकी जांच एसीबी से हो। इस नियमन के करीब एक माह बाद मुख्यमंत्री ने टॉफी, टी शर्ट और सुनिधि चौहान के कार्यक्रम में हुई अनियमितता की जांच एसीबी से कराने का आदेश दिया है।
अब श्री रघुवर दास जी को पता नहीं किसने भ्रम में डाल दिया है कि इस मामले में उन्हें क्लीन चिट मिल गई है। विधानसभा की जिस अनागत प्रश्न क्रियान्वयन समिति ने जांचोपरांत सदन में स्पष्ट प्रतिवेदन दिया है कि इस मामले की उच्चस्तरीय जांच कराई जाये और कहा है कि सरकार ने इस मामले में जो दस्तावेज समिति के सामने दिया हैं वे फेक हैं, उस पांच सदस्यीय समिति में तीन सदस्य भाजपा के हैं और दो सदस्य झामुमो के हैं। समिति के सभापति भाजपा के हैं। समिति के तीन भाजपा सदस्यों में दो श्री रघुवर दास जी के मंत्रिपरिषद में मंत्री रह चुके हैं। समिति का गठन निम्नवत है:-
- माननीय रामचंद्र चंद्रवंशी – सभापति
- माननीया श्रीमती नीरा यादव – सदस्य
- माननीय मनीष जायसवाल- सदस्य
- माननीय मथुरा महतो -सदस्य
- माननीय समीर मोहंती- सदस्य.
क्या अब भी रघुवर जी कहेंगे कि उन्हें क्लीन चिट मिल गई है। इसके लिए मुख्यमंत्री श्री हेमंत सोरेन पर आरोप लगाने के बदले इन्हेंअपने गिरेबान में झांकना चाहिए।
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