Jharkhand Forest area : भारत सरकार की ‘फॉरेस्ट सर्वे रिपोर्ट ऑफ इंडिया’ 2023 के मुताबिक, झारखंड उन टॉप पांच राज्यों में शामिल है जहांँ वन क्षेत्र में सबसे ज्यादा बढ़ोतरी हुई है। यह बढ़ोतरी पर्यावरण के लिहाज से काफी अच्छी मानी जा रही है। इससे प्रदूषण कम होगा और जलवायु परिवर्तन से लड़ने में मदद मिलेगी।
दो सालों में वन क्षेत्र में 1.71 प्रतिशत की बढ़ोतरी
केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने शनिवार को फॉरेस्ट सर्वे रिपोर्ट रिपोर्ट जारी की। रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले दो सालों में 287 वर्ग किलोमीटर वन क्षेत्र बढ़ा है। राज्य में अब 29.81 प्रतिशत वन क्षेत्र है। 19 जिलों के वन क्षेत्र में फैलाव देखा गया है, जबकि 5 जिलों में कमी आई है। लातेहार में सबसे अधिक वन क्षेत्र है, जबकि देवघर में सबसे कम। दो सालों में वन क्षेत्र में 1.71 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है. रिपोर्ट के मुताबिक राज्य में 287 वर्ग किलोमीटर जंगल बढ़े हैं। अब कुल वन क्षेत्र 23,765.78 वर्ग किलोमीटर है, जो राज्य के कुल क्षेत्रफल का 29.81 प्रतिशत है। 2021 में यह 28.10 प्रतिशत था, यानी दो सालों में 1.71 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। 2011 से अब तक, एक हजार वर्ग किलोमीटर से ज्यादा जंगल बढ़ गए हैं।
इन जिलों में जंगल बढ़े
झारखंड के 24 जिलों में से 19 में जंगल बढ़े हैं। पांच जिलों – चतरा, कोडरमा, पूर्वी सिंहभूम, लातेहार और सिमडेगा – में जंगल कम हुए हैं। चतरा में सबसे ज्यादा, लगभग 15 प्रतिशत की कमी आई है, फिर भी वहां अब भी 47 प्रतिशत वन क्षेत्र है। लातेहार में सबसे ज्यादा, 55 प्रतिशत वन क्षेत्र है। हजारीबाग में 47 प्रतिशत वन क्षेत्र है। देवघर में सबसे कम, लगभग 8 प्रतिशत वन क्षेत्र है। धनबाद में सिर्फ 10.84 प्रतिशत और दुमका में 11.34 प्रतिशत वन क्षेत्र है। रामगढ़ नगर निकाय में सबसे ज्यादा 20.42 फीसदी वन क्षेत्र है।
वन क्षेत्र बढ़ा लेकिन घने जंगलों की स्थिति अच्छी नहीं
हालांकि वन क्षेत्र बढ़ा है, लेकिन घने जंगल में कमी आई है। राज्य में सिर्फ 3.31 प्रतिशत क्षेत्र में घने जंगल हैं। यह चिंता का विषय है। रिपोर्ट के अनुसार, झारखंड में वन क्षेत्र 287 वर्ग किलोमीटर बढ़ा है।
न्यूज़ डेस्क/ समाचार प्लस, झारखंड- बिहार
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