न्यूज डेस्क/ समाचार प्लस – झारखंड-बिहार
अगले महीने की 27 फरवरी को झारखंड के रामगढ़ में उपचुनाव होने वाला है। उपचुनाव का परिणाम चाहे जो हो, पिछले कुछ महीनों से राज्य को सियासी तापमान बढ़ा हुआ है, इसका असर इस पर जरूर दिखायी देगा। राजनीतिक पार्टियां तो रेस हैं ही, राज्य सरकार की कार्यशैली से क्षुब्ध बेरोजगार छात्र संगठनों का भी इस चुनाव मैदान में उतरने की घोषणा कर दी है। इसका असर तो रामगढ़ उपचुनाव पर दिखना तय है।
राज्य के बेरोजगार छात्रों की फौज ने ने रामगढ़ उपचुनाव में किस्मत आजमाने का फैसला किया है। झारखंड यूथ एसोसिएशन के बैनर तले काफी संख्या में रामगढ़ उपचुनाव में भारी संख्या में छात्र निर्दलीय चुनाव लड़ने का मन बनाया है। झारखंड यूथ एसोसिएशन प्रवक्ता मोहम्मद इमाम सैफी ने कहा है इस बार सभी राजनीतिक दलों को आईना दिखाने के मकसद से चुनावी मैदान में काफी संख्या में विद्यार्थी निर्दलीय चुनाव लड़ेंगे
यह तो यह है कि यदि काफी संख्या में बेरोजगार छात्र निर्दलीय चुनाव लड़ते हैं तो राजनीतिक दलों की मुसीबतें बढ़ सकती हैं। इसी मुद्दे पर झारखंड मुक्ति मोर्चा के राष्ट्रीय प्रवक्ता डॉ अशोक कुमार सिंह से सवाल पूछा गया कि बेरोजगार छात्र निर्दलीय चुनाव लड़ेंगे तो उन्होंने इसे हल्के लेते हुए कहा कि चुनाव पर इससे कोई फर्क नहीं पड़ने वाला है।
गौरतलब है रामगढ़ उपचुनाव में महागठबंधन का प्रत्याशी कांग्रेस पार्टी से बनाए जाने की ज्यादा उम्मीद है। भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी झारखंड के प्रवक्ता राकेश कुमार सिन्हा से जब यह पूछा गया कि इस बार काफी संख्या में बेरोजगार विद्यार्थी भी रामगढ़ उपचुनाव में प्रत्याशी खड़े करने का मन बना रही है इस मुद्दे पर उन्होंने कहा है लोकतंत्र में कोई भी कहीं से भी चुनाव लड़ सकता है लेकिन पूर्व विधायक ममता देवी रामगढ़ की जनता के हित के लिए संघर्ष करते जेल गई हैं।
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