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Jharkhand DGP अजय कुमार सिंह का 6 महीने का कार्यकाल बेमिसाल, नक्सलवाद, संगठित अपराध की तोड़ी कमर

गुरुवार को झारखंड हाई कोर्ट ने झारखंड के डीजीपी अजय कुमार सिंह से राज्य में भू-माफियाओं पर नकेल कसने एवं क्राइम कंट्रोल के लिए किए गए उपायों के बारे में जानकारी देने को कहा। साथ ही कोर्ट ने उनसे मौखिक पूछा कि राज्य में क्राइम का ग्राफ क्यों बढ़ रहा है। जिसके जवाब में राज्य सरकार की ओर से  शपथ पत्र दाखिल कर बताया गया कि जमीन हड़पने वालों के खिलाफ कड़ा एक्शन लिया जाएगा। वैसे भू-माफियाओं जिनके खिलाफ पांच से ज्यादा केस हैं, उन्हें जिला बदर किया जाएगा। जिन भू-माफियाओं के खिलाफ चार केस विभिन्न स्थानों में दर्ज हैं, उन्हें प्रत्येक 15 दिनों में थाना में हाजिरी लगानी होगी। साथ ही जिन भू-माफियाओं के खिलाफ तीन केस थानों में दर्ज हैं, उन्हें बांड भरवा कर चेतावनी दी जाएगी। आने वाले समय में तीन तरह के क्राइम, जिसमें एसटी-एससी, महिला उत्पीड़न एवं जमीन हड़पने वाले भू-माफिया के मामले शामिल हैं, के निष्पादन के लिए स्पेशल टास्क फोर्स (एसआईटी) बनाई जाएगी, आदि-आदि।

बता दें, अजय कुमार सिंह फरवरी में झारखंड के डीजीपी (पुलिस महानिदेशक) बने हैं। यानी अभी उनके कार्यकाल के 6 महीने पूरे हुए हैं। इन 6 महीनों में अजय कुमार सिंह ने कई उल्लेखनीय कार्य किये हैं जिनकी चर्चा राज्य में हो रही है। बता दें, डीजीपी बनने से पहले अजय कुमार सिंह राज्य पुलिस के एंटी करप्शन ब्यूरो के डीजीपी के रूप में पदस्थापित थे। इसके पहले वह सीआईडी, स्पेशल ब्रांच और रेलवे पुलिस में उच्च पदों पर रह चुके हैं। वह हजारीबाग और धनबाद जिले में एसपी भी रह चुके हैं। उनके पुराने अनुभव राज्य में फल-फूल रहे कई तरह के अपराधों पर नियंत्रण लगाने में काम आये हैं। यह भी बता दें कि संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) ने राज्य सरकार को डीजीपी के लिए जिन तीन नामों का पैनल भेजा था, उसमें अजय कुमार सिंह के अलावा अजय भटनागर और अनिल पालटा के नाम शामिल थे। किन्तु डीजीपी के लिए अजय कुमार सिंह के नाम पर मुहर लगी।

क्राइम कंट्रोल के लिए लगातार बड़े काम कर रहे डीजीपी अजय कुमार सिंह

साइबर क्राइम नियंत्रित करने के लिए उठाये कई कदम

साइबर क्राइम झारखंड ही नहीं पूरे देश की समस्या है। झारखंड का जामताड़ा तो वैसे भी साइबर क्राइम के लिए पूरे देश में बदनाम है। है। डीजीपी अजय कुमार सिंह ने 6 महीने पहले जब से अपना पदभार सम्भाला है तब से साइबर क्राइम को कंट्रोल करने के कई उपाय किये गये हैं डीजीपी कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार-

नागरिक सुरक्षा हेतु संचालित टोलफ्री नम्बर 1930 से प्राप्त आंकड़े बताते हैं कि इस नम्बर पर कुल शिकायतें 8666 दर्ज की गयी हैं। जिस पर एक्शन लेते हुए साइबर अपराधियों के मोबाइल नम्बर एवं IMEI नम्बर बंद करवाये जाने हेतु 6024 प्रस्ताव भेजे गये हैं। साथ ही बैंक ठगी से संबधित 3161 लेन-देन के मामलों पर रोक को रोकने में सफलता मिली है। ठगी वाले बैंक संबंधित रोकी गयी कुल धनराशि 3,29,28,462.99 रुपये है। ठगी के मामलों में बैंक स्तर की रिफंड प्रक्रिया भी आरम्भ की गयी। साइबर क्राइम को लेकर झारखंड पुलिस द्वारा दर्ज 532 प्राथमिकी दर्ज की गयी और 313 गिरफ्तारी हुई हैं।

Online Investigation Co-operation Request (OICR)) प्लेटफॉर्म से प्राप्त होने वाले आवदेन की वर्तमान स्थिति –

OICR के माध्यम ने बाहर के राज्यों के अनुसंधानकर्ताओं द्वारा उनके कांड में सहयोग हेतु झारखंड राज्य के विभिन्न जिलों को 106 आवेदन प्रेषित किये गये। जिनमें 188 आवेदनों पर कार्रवाई की गयी जबकि 158 आवेदन लंबित हैं।

साइबर क्राइम कंट्रोल करने में कुछ उल्लेखनीय उपलब्धियां भी पुलिस ने हासिल की हैं-

राज्य साइबर क्राइम थाना, अपराध अनुसंधान विभाग, झारखंड, रांची द्वारा प्रतिवेदित कांड संख्या 16/2023, दर्ज दिनांक 28.02.2023 धारा 419/420,467/468/471/1208 IPC एवं 668/66C/66D/66R/W 43A/43B/43C/43I/43J IT Act, 2000 में अभियुक्तों की गिरफ्तारी के दौरान रुपये 8.24 लाख नकद साइबर अपराधी विनोद कुमार मंडल, ग्राम महदैया, थाना बेंगाबाद, जिला गिरिडीह के घर से बरामद किया गया जिसे साइबर अपराध के माध्यम से अवैध रूप से अर्जित किया गया था।

राज्य साइबर क्राउम थाना, अपराध अनुसंधान विभाग, झारखंड, रांची में प्रतिवेदित कांड संख्या 14/2023 दर्ज दिनांक 22.02.2023 धारा 419/420,467/468/471 IPC एवं. 668/66C/66D/ IT Act, 2000 में भारतीय स्टेट बैंक के पदाधिकारियों द्वारा फर्जी SM के द्वारा उनके बैंक ग्राहकों को लिंक भेज कर ठगी को अंजाम देने वाले अपराधकर्मयों को wi-fi के MAC आईडी के द्वारा कॉम्बिंग अभियान के माध्यम से पहचान कर गिरफ्तार किया गया। Malware के सॉफ्टवेयर डेवलप  एवं प्रोग्रामर राजेश मंडल, पिता, त्रिलोचन मंडल, स्थायी निवासी थाना खागा, जिला देवघर झारखंड, निवारी को उनके एवं अन्य सहयोगी, राहुल कुमार राम, पिता भागराम राय, स्थायी निवासी थाना खागा, जिला देवघर को धनबाद स्थित जे.सी. मल्लिक रोड से गिरफ्तार किया गया। जहां वे एक किराये के मकान में रह कर पी.के. राय महाविद्यालय से BCA की पढ़ाई कर रहे थे। इस कांड में उनकी गिरफ्तारी महत्वपूर्ण थी, क्योंकि इनमें राष्ट्रीय स्तर पर पहली बार Android Package Kit (APK) फाइल का प्रयोग झारखंड राज्य के साइबर अपराधियों द्वारा  करने की बात प्रकाश में आयी, जिन्होंने स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के SBI YONO का मिलता-जुलता  क्लोन तैयार कर लोगों को लिंक के माध्यम से भेजकर malicious एप्लीकेशन के माध्यम से बिना लोगों की अनुमति लिये।

बूढ़ा पहाड़ के नक्सल मुक्त करने के बाद भी जारी है अभियान

बूढ़ा पहाड़ को नक्सलवाद से मुक्त करने के बाद भी डीजीपी अजय कुमार सिंह पिछले 6 महीने के अभियान में लगे हुए हैं। उनका कहना है कि नक्सलवाल अब सारंडा में ही सिमटा हुआ है, उसे भी जल्द मुक्त करा लिया जायेगा। बूढ़ा पहाड़ अभियान के बाद बिहार, झारखंड सीमा पर चतरा वाले इलाके से भी विशेष एंटी नक्सल अभियान चलाया गया। जिसमें सैक (स्पेशल एक्शन कमिटी) सदस्य गौतम पासवान सहित कुल 5 माओवादी मारे गये। काफी मात्रा में गोला, बारूद, इत्यादि बरामद किये गये। इसके पश्चात गुमला जिले में भी 2 उग्रवादियों राजेश उरांव एवं लजीम-अंसायर मारे गये। इस प्रकार विगत 6 माह के दौरान कई नक्सली मारे गये। इतना ही नहीं, 15 प्रमुख नक्सलियों की गिरफ्तारी की गयी एवं कुल 12 नक्सलियों ने आत्मसपर्पण किया। वर्तमान में नक्सली मुख्य रूप से सारंडा क्षेत्र में सिमट गये हैं जो अपने अस्तित्व बचाने की लड़ाई लड़ रहे हैं। अर्द्ध सैनक बलों एवं अन्य एजेंसियों की मदद से उन पर भी जल्द ही नियंत्रण कर लिया जायेगा।

गिरफ्तारियां

  • दिनेश गोप, सुप्रीमो पीएलएफआई, जिस पर 25 लाख का इनाम रांची जिले में था।
  • चंदन सिंह खेरवार उर्फ बैद्यनाथ सिंह, जोनल कमांडर सीपीआई (माओ), जिस पर 10 लाख का इनाम लातेहार जिले में था।
  • सुखराम गुड़िया, उर्फ रोरे गुड़िया, जोनल कमांडर पीएलएफआई, जिस पर 1 लाख का इनाम खूंटी जिले में था।

पिछले 6 महीने में कुल 15 गिरफ्तारियां हुईं जिनमें सैक 01, जोनल कमांडर- 02, सेकेंड जोनल कमांडर 07, असिस्टेंट कमांडर 05 थे।

आत्मसमर्पण

  • इंदाल गंझू उर्फ ललन गंझू उर्फ उमा उर्फ बुधन आरसीएम (माओ), जिस पर 15 लाख रुपये का रांची जिले में इनाम था।
  • संतोष भुइयां उर्फ संटू उर्फ धनंजन भुइयां उर्फ धर्मेंद्र भुइयां जोनल कमांडर (माओवादी) जिस पर 5 लाख रुपये का इनाम पलामू जिले में था।
  • अमरजीत यादव उर्फ तिगू जोनल कमांडर (माओवादी) जिस पर 10 लाख रुपये का इनाम रांची जिले में था।
  • इनके अलावा 9 अन्य उग्रवादियों ने पुलिस के सामने आत्मसमर्पण किया।

मुठभेड़ में मारे गये नक्सली

  • गौतम पासवान उर्फ ब्रह्मदेव पासवान उर्फ अरुणजी, सैक (माओवादी) जिस पर चतरा जिले में 25 लाख रुपये का इनाम था।
  • अजित उरांव उर्फ चार्लिस उर्फ तूफान जी, सैक (माओवादी) जिस पर 25 लाख रुपये का इनाम चतरा जिले में था।
  • इनके अलावा कुल 15 लाख इनाम वाले और 5 नक्सली मुठभेड़ में मारे जा चुके हैं।
अपराध पर नकेल करते हुए की गयी ढेरों हथियारों की बरामदगी

नारकोटिक्स इत्यादि की कार्रवाई में राज्य में विगत छह महीनों में 24 नियमित हथियार, 391 देसी हथियार और 2713 गोलियां बरामद की गयी हैं।

नशे के कारोबार पर लगाम लगा कर तस्करों के लिए हौसले पस्त

झारखंड नशे के कारोबार के लिए बदनाम है। झारखंड के नशे का कारोबार देश के कई राज्यों में फैला हुआ है। तस्कर नये-नये तरीके इजाद कर नशे के व्यापार में लगे हुए हैं वहीं पुलिस भी इस पर लगाम लगाने प्रयास कर रही है। पिछले छह महीनों की बात करें तो नारकोटिक्स विभाग और पुलिस ने 424 तस्करों को गिरफ्तार करने के साथ अफीम के 257 पौधे, 2311 किलोग्राम पोस्ता, 1010 ग्राम ब्राउन शुगर, 360 किलोग्राम हेरोइन, 42512 किलोग्राम डोडा और 1759 किलोग्राम गांजा बरामद करने में सफलता हासिल की है।

संगठित अपराध पर लगायी लगाम

संगठित अपराध के क्षेत्र में भी कारगर कार्य किये जा रहे हैं। पिछले 6 महीनों में एटीएस के द्वारा करीब 350 से अधिक बार छापेमारी की गयी तथा इस क्म में अमन श्रीवास्तव, अमन सिंह, अमन साव, पांडेय गिरोह, प्रिंस खान, लवकुश शर्मा इत्यादि गिरोहों के कुल 26 फरार एवं कुख्यात अपराधर्मियों की गिरफ्तारियां हुई हैं तथा 8 रिवाल्वर/पिस्टल काफी मात्रा में कारतूस करीब पचास लाख से अधिक रुपये के नशीले पदार्थ इत्यादि की बरामदगी हुई है। इनमें गिरोह के सरगना के रूप में अमन श्रीवास्तव एवं उसका मुख्य सहयोगी शिव शर्मा, पांडेय गिरोह के बाघा, अमन साव गिरोह का मुख्य क्रियाशील अपराधी कुन्दन साव, जो हजारीबाग के इंजीनियर शरद बाबू हत्याकांड में भी सम्मिलित था, एवं लवकुश शर्मा तथा कालू लामा गिरोह का रोहित मुंडा उर्फ बीडी की गिरफ्तारी मुख्य है। इसके अतिरिक्त दिनेश गोप की गिरफ्तारी में भी एटीएस ने सराहनीय कार्य किया है। संगठित अपराध पर और बेहतर ढंग से कार्यवाही हेतु सरकार द्वारा एक  विशेष कानून भी लागू किये जाने का कार्य चल रहा है।

न्यूज डेस्क/ समाचार प्लस – झारखंड-बिहार

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