न्यूज डेस्क/ समाचार प्लस – झारखंड-बिहार
राज्यसभा सांसद सह भाजपा प्रदेश अध्यक्ष झारखंड ने झामुमो-कांग्रेस की गठबंधन वाली सरकार पर बड़ा प्रहार किया है। उन्होंने न सिर्फ वर्तमान के हेमंत सरकार, बल्कि सोरेन परिवार के पिछले कार्यकाल पर भी सवाल उठाये। राज्यसभा सांसद सह प्रदेश अध्यक्ष (भाजपा, झारखंड) दीपक प्रकाश के कार्यालय द्वारा प्रेषित बयान में कहा गया कि प्रदेश में शिबू सोरेन 3 बार मुख्यमंत्री रहे, पहली बार 2 मार्च 2005 से 12 मार्च 2005 तक 10 दिनों के लिए, फिर दूसरी बार 27 अगस्त 2008 से 19 जनवरी 2009 तक 145 दिन के लिए और तीसरी बार 30 दिसंबर 2009 से 01 जून 2010 तक 153 दिन के लिए, वहीं लगभग 5 साल हेमंत सोरेन खुद मुख्यमंत्री पद पर रहे और अभी भी हैं, पहली बार 13 जुलाई 2013 से 28 दिसंबर 2014 तक 1 साल 168 दिन के लिए फिर 29 दिसंबर 2019 से अब तक 3 साल 100 दिन से ज्यादा तक और तो और 2 साल 129 दिन के लिए हेमंत सोरेन उपमुख्यमंत्री भी रहे, और कांग्रेस यूपीए की सरकार ने जानबूझ कर झारखंड में तीन बार राष्ट्रपति शासन लगाकर अप्रत्यक्ष रूप से करीब 2 साल झारखंड में राज किया, और फिर 19 सितंबर 2006 से 27 अगस्त 2008 तक 1 साल 346 दिन तक यूपीए, झामुमो और राजद गठबंधन में मधु कोड़ा मुख्यमंत्री रहे, कुल मिलाकर झारखंड के 22 साल 4 महीने की सरकार में आधे से अधिक समय तक 11 साल 6 महीने से ज्यादा झारखंड राज्य में सत्ता में रहकर जेएमएम-कांग्रेस-राजद के गठबंधन वाली सरकार ने सिर्फ राज्य को लूटने का ही काम किया है।
पूर्व मुख्यमंत्री शिबू सोरेन को घेरा
उन्होंने झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री शिबू सोरेन को भी घेरते हुए कहा की 2006 में यूपीए की मनमोहन सरकार में शिबू सोरेन के पास कोयला मंत्रालय था, उनके मंत्री रहने के दौरान ऐसा लग रहा था कि कोयला मंत्रालय को माफिया चला रहे हैं, और फिर उसी कोयला घोटाले की जांच के सिलसिले में सीबीआई उनसे लंबी पूछताछ कर चुकी है,
दाल में काला नहीं, पूरी दाल ही काली
दीपक प्रकाश ने पुरानी कहावत से तंज कसते हुए कहा कि मैं बचपन से सुनता आया हूं कि ‘दाल में कुछ काला है’, परंतु वर्तमान की झामुमो-यूपीए गठबंधन की सरकार में लूट और भ्रष्टाचार में मुख्यमंत्री और उनके सहयोगियों की संलिप्ता से पूरी दाल ही काली प्रतीत होती है। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने न सिर्फ मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, बल्कि उनके चहेते सुरक्षा प्रभारी डीएसपी विमल कुमार, विशेष प्रतिनिधि पंकज मिश्रा, उद्योग सचिव के साथ राज्य खनन और भूविज्ञान विभाग के सचिव आईएएस अधिकारी पूजा सिंघल, दलाल विशाल चौधरी तथा प्रधान सचिव रहे आईएएस अरुण कुमार एक्का पर भी ईडी ने चार्जशीट दर्ज कर पूछ ताछ कर चुकी है, जिससे प्रदेश की जनता समझ चुकी है कि यहाँ बैठी सरकार कितनी भ्रष्ट और निकम्मी है।
विगत तीन वर्षों में सत्ताधारी लोगों ने संथाल परगना में पत्थरों की लूट, कोयलांचल में कोयले की अवैध तस्करी, साथ ही पूरे राज्य में बालू को लेकर कालाबाजारी और अब शराब के धंधे में घोटाला कर के ऐसे लोगों को राजनैतिक संरक्षण और पोषण देकर झारखंड की एक एक जनता के साथ नाइंसाफ़ी की है।
उन्होंने कहा की झारखण्ड के खनिज एवं वन संपदाओं का देश के विकास में हमेशा से महत्वपूर्ण योगदान रहा है, परंतु राज्य के आदिवासी और मूलनिवासी को यूपीए गठबंधन की सरकार ने हमेशा ठग कर जमीनों और खनिजों को लूटने का काम किया है, और अब लूट में इस सरकार ने कांग्रेस और झामुमो के विधायकों व अधिकारियों को भी शामिल कर लिया है,
ट्रांसफर पोस्टिंग में खेल का आरोप
साथ ही राज्य में जब से हेमंत सरकार बनी है तब से ट्रांसफर पोस्टिंग में दलाल किस्म के लोगों का आधिपत्य को बढ़ावा देते हुए ट्रांसफर और पोस्टिंग का खेल खेला जा रहा है, किसी भी ट्रांसफर और पोस्टिंग के लिए लाखों करोड़ों रुपये गबन किए जा रहे हैं, और फिर लूटे हुए पैसों को अपने दिल्ली में बैठे हुक्मरानों तक पहुंचाने का काम कर रही है ये ठगबंधन सरकार।
दीपक प्रकाश ने झारखंड में बेरोजगारी की स्थिति को काफी गंभीर बताई है, उन्होंने कहा की झारखंड की बेरोजगारी दर राष्ट्रीय बेरोजगारी दर 8 प्रतिशत से लगभग दोगुनी है, वहीं हेमंत राज में झारखंड में प्रति व्यक्ति आय 85485 रुपये है जो देश की प्रति व्यक्ति आय 1.97 लाख रुपये से आधे से भी कम है, उन्होंने कहा कि बेरोजगारी और आय जैसी समस्याओं के वजह से ही प्रदेश के युवा पलायन को मजबूर हो रहे हैं जिस पर हेमंत सरकार का कोई ध्यान नहीं है।
बेरोजगारी की समस्या पर सियासत हो रही
आगे उन्होंने कहा कि वर्तमान की हेमंत सरकार में झारखंड में बेरोजगारी की समस्या पर लगातार आंदोलन और सियासत हो रही है पर सरकार है की अपनी युवविरोधी नीतियों से बाज नहीं आ रही, उन्होंने सवाल उठाया कि सत्ताधारी गठबंधन दलों के घोषणापत्र में सरकार गठन के 1 साल के अंदर सभी खाली पड़े सरकारी पदों को भरने, नौकरी नहीं मिलने पर हर बेरोजगार को बेरोजगारी भत्ता साथ ही हर पंचायत में पंचायती राज की योजनाओं से युवाओं को जोड़ने का वादा कर सुनहरे सपने दिखाने का काम किया था, पर वर्तमान की गठबंधन के सत्ता को 3 साल पूरे हो गए हैं, झामुमो, कांग्रेस और राजद के ठगबंधन वाली सरकार से इन वादों के पूरा होने की उम्मीद में युवा 3 साल से इंतजार करते करते थक हार गए पर अब तक प्रदेश की युवविरोधी सरकार ने युवाओं की नहीं सुनी।
दीपक प्रकाश ने यह भी कहा कि उनके किए गए वादे को पूरा करने की मांग अब प्रदेश के युवा भी लगातार कर रहे हैं, पर हेमंत सोरेन मुख्यमंत्री के रूप में 5 वर्ष शासन कर के सिर्फ जनता में झूठ बोलने का काम किया है, हमने ये भी देखा है कि हेमंत सरकार न तो खुद प्रदेश की जनता के लिए कोई अच्छी कल्याणकारी स्कीम बना रहे न ही केंद्र सरकार के गरीब किसानों के कल्याणकारी योजनाओं को सुचारु रूप से चलने में कोई योगदान दे रही है, वाकई दुर्भाग्यपूर्ण है कि प्रदेश में एक जनविरोधी, विकासविरोधी सरकार कुंडली मार कर बैठी है।
वो दिन दूर नहीं जब इस प्रदेश की जनता प्रदेश के इस ठगबंधन सरकार को उखाड़ फेंकेगी।