न्यूज डेस्क/ समाचार प्लस – झारखंड-बिहार
झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन अपने पैतृक गांव रामगढ़ जिले के नेमरा में बाहा पर्व में शरीक हुए। बाहा आदिवासियों का बहुत बड़ा पर्व है। इस पर्व की शुरुआत होली के दूसरे दिन से होती है। आदिवासी समाज में सदियों से यह पर्व मनाया जाता है। प्राकृतिक की पूजा के लिए बाहा पर्व मनाते है।
मुख्यमंत्री के नेमरा पहुंचने पर उपायुक्त पुलिस अधीक्षक सहित जिले के तमाम पदाधिकारी नेमरा मुख्यमंत्री के पैतृक आवास पहुंचे। सीएम के लिए सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए थे। मुख्यमंत्री के साथ पूरा परिवार इस पूजा में आया हुआ था। मुख्यमंत्री की धर्मपत्नी कल्पना सोरेन मुख्यमंत्री की माता रूपी सोरेन मुख्यमंत्री की भाभी सीता सोरेन सहित परिवार के तमाम सदस्य यहां मौजूद थे।
प्रकृति पर्व है बाहा
बाहा का अर्थ फूल होता है इसमें देवताओं के घर बना कर उनकी पूजा-अर्चना की जाती है। जिसमें खासकर आम, महुआ सखुआ के फूलों को चढ़ाया जाता है। उसके बाद गांव के लोग भोग ग्रहण करते हैं। फिर जब सभी लोग पूजा-अर्चना कर गांव वापस लौटते हैं। ग्रामीण उनका पैर धोकर उनका स्वागत करते हैं। उसके बाद उत्सव के तहत एक-दूसरे पर पानी डालकर दो-तीन दिन तक मानते हैं। इसमें रंगों की जगह सिर्फ पानी का प्रयोग होता है। तीन दिनों तक चलने वाले बाहा पर्व को लेकर लोगों में उमंग और उत्साह देखने को मिल रहा है।बाहा उत्सव संध्या के समय नाच और गाना करके मनाया जाता है। इस पूजा में प्रकृति और मानव के साथ सीधा संबंध है।
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