मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने सोमवार को भूमिहीनों को वन पट्टा देने के ‘हमर जंगल हमर अभियान’ के तहत ‘अबुआ बीर दिशोम अभियान’ की शुरुआत की। प्रोजेक्ट भवन में अभियान की शुरुआत मुख्यमंत्री ने नगाड़ा बजाकर किया। कार्यक्रम में मुख्य सचिव सुखदेव सिंह, प्रधान वन संरक्षक संजय श्रीवास्तव सहित कई अधिकारी मौजूद रहे। झारखंड में पहली बार भूमिहीनों को वन पट्टा देने के व्यापक अभियान की शुरुआत हुई है। जिसके तहत आदिवासी और वन पर आश्रित रहने वाले लोगों को वनाधिकार पट्टा मुहैया कराया जायेगा। साथ ही जंगल, जमीन और इससे जु़ड़े संसाधनों की रक्षा कैसे हो उसके उपाय भी किये जायेंगे। इस अवसर पर सीएम तथा अतिथियों ने अभियान की प्रचार सामग्री का भी किया लोकार्पण किया।
वनों पर निर्भर लोगों को होगा फायदा – सीएम हेमंत
कार्यक्रम की शुरुआत में मुख्य सचिव सुखदेव सिंह ने मुख्यमंत्री को पौधा देकर उनका स्वागत किया। सीएम हेमंत और सुखदेव सिंह ने नगाड़ा बजाकर अबुआ बीर दिशोम अभियान की विधिवत शुरुआत की। इसके बाद सीएम ने अपने सम्बोधन में अबुआ बीर दिशोम अभियान की आवश्यकता को रेखांकित किया। सीएम ने कहा कि राज्य निर्माण को 20 वर्षों से अधिक का समय हो गया है, लेकिन इस दिशा में कार्य नहीं किया गया। सीएम ने अधिकारियों से कहा कि ऐसा कोई भी कार्य नहीं है जिसे आप ठान लें तो उसे आप कर नहीं सकते। उन्होंने कहा कि इस कार्य के लिए ग्राम सभाओं की भूमिका विशेष होगी। सीएम ने आगे कहा कि राज्य के आदिवासियों का प्रमुख पेशा कृषि है। राज्य के 80 प्रतिशत लोग खेती पर निर्भर हैं, लेकिन विडम्बना यह है कि उनके पास जमीन नहीं है। सीएम ने इस आशंका को भी गलत बताया कि आदिवासियों को वन पट्टा मिलने से वनों को नुकसान पहुंच सकता है। उन्होंने कहा कि आदिवासी प्रकृति प्रेमी होते हैं। वे वनों को नुकसान नहीं पहुंचायेंगे।
पर्यावरण को लेकर सीएम ने जतायी चिंता
सीएम हेमंत ने अपने सम्बोधन में राज्य के बिगड़ते पर्यावरण पर भी चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि राज्य में जो अंधाधुंध खनन कार्य चल रहा है, वह पर्यावरण के लिए घातक है। खनन कम्पनियां ने राज्य को कबाड़ बनाकर छोड़ा है। इसके लिए मुहिम चलानी पड़ेगी। उन्होंने कहा कि झारखंड जैसे वन क्षेत्र में पर्यावरण की बात नहीं होनी चाहिए। उन्होंने दिल्ली का उदाहरण देते हुए कि वहां पर्यावरण प्रदूषण को लेकर स्कूल-कॉलेज बंद कर दिये जाते हैं। ऐसा झारखंड में क्यों हो?
पौधरोपण को लेकर जागरूकता चलाने की बात कही सीएम ने
झारखंड जंगलों का प्रदेश, लेकिन झारखंड में ही पेड़ लगाने का काम नहीं हो रहा है, सीएम ने इसको लेकर चिंता जताई। उन्होंने कहा कि राज्य के अधिकारियों को जंगल बढ़ाने और जंगल बचाने के लिए पेड़ लगाने पर विशेष ध्यान दें। अंग्रेज अपने बंगले में पेड़ लगाया करते थे। पेड़ लगेंगे तभी पर्यावरण बचेगा। इसलिए अधिकारी भी अपने कैम्पस में पेड़ लगाकर इस महती कार्य में अपनी भूमिका निभायें। प्रदेश में सरकार फलदार पेड़ लगाने पर विशेष ध्यान दे रही है। अधिकारी भी पेड़ लगाने को अपनी मुहिम बनायें। सीएम ने अपनी चर्चा के बीच उपस्थित अधिकारियों से दिशोम का मतलब भी पूछा। सीएम ने आखिर में धनतेरस, दीपावली, छठ पर्व की शुभकानाएं सभी राज्यवासियों को दी।
न्यूज डेस्क/ समाचार प्लस – झारखंड-बिहार
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